कोरोना संकट काल में चुनौती से निपटने काम के साथ जुनून भी जरूरी
कटनीPublished: Jul 01, 2020 10:58:35 pm
– डॉक्टर्स डे विशेष, साढ़े पांच सौ से ज्यादा कोरोना संदिग्धों का सैंपल लेने वाले डॉक्टर समीर सिंघई ने बताया कि क्या इस पेशे की चुनौतियां.
– उन्होंने कहा, अच्छा लगता है जब समय पर परीक्षण के बाद मरीज को इलाज मिलता है, स्वस्थ होकर घर लौटता है.
कंटेनमेंट क्षेत्र में जांच करते डॉ. समीर सिंघई और टीम के सदस्य।
राघवेंद्र चतुर्वेदी कटनी
कोरोना संक्रमण के बाद डॉक्टरों के पेशे में भी नई चुनौतियां आई है। काम के दौरान जरा सी चूक और आप बीमारी की चपेट में। फिर भी चुनौतियां है, तभी तो काम का मजा है। कोरोना संकट काल में इस चुनौती से निपटने के लिए काम के साथ जुनून भी जरूरी है। जुनून इस बात का कि हमारे आसपास कोई भी इस बीमारी से परेशान न हो। फिर वो चाहे खास हो या आम। अच्छा लगता है जब हमारे द्वारा समय पर परीक्षण करने के बाद किसी मरीज को समय पर इलाज मिलना शुरू होता है और वह स्वस्थ होकर घर लौटता है। अपनों के बीच। ये बातें कोरोना संक्रमण की चुनौती से निपटने के लिए गठित रैपिड रिस्पांस टीम के प्रमुख डॉ. समीर सिंघई ने डॉक्टर्स डे को लेकर पत्रिका से कही।
कटनी से आइसीएमआर जबलपुर भेजे जाने वाले सभी सैंपल डॉक्टर समीर सिंघई की निगरानी में भेजे जाते हैं। सैंपल लेने के दौरान वे स्वयं भी फील्ड में जाते हैं। मंगलवार को पत्रिका से बातचीत के दौरान भी वे माधवनगर स्थित उत्कृष्ट छात्रावास के समीप कंटेंनमेंट क्षेत्र में रहे। चार माह में साढ़े पांच सौ से ज्यादा सैंपलिंग करवाने वाले डॉक्टर सिंघई बताते हैं कि कोरोना संक्रमण के बाद पेशे में कई नई चुनौतियां आई है।
काम के दौरान अब सतर्कता बेहद जरूरी हो गया है। शुरू में नई चीजें सीखने को मिली, धीरे-धीरे अनुभव बढ़ता गया। यह वायरस ऐसा है कि सामान्य परीक्षण के दौरान भी जब कोई मरीज सर्दी, बुखार व खांसी के लक्षण बताएगा तो डॉक्टर सतर्क रहेंगे। उन्होंने बताया कि डॉक्टरी का पेशा सेवा के साथ चुनौती भरा इस लिहाज से भी है कि क्योंकि यह काम लोगों की जिंदगी से जुड़ा होता है।