साइबर सेल से नहीं मिली मदद
घटना सामने आने के बाद अधिकारी-कर्मचारियों में हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई थी। इस मामले को लेकर कलेक्टर केवीएस चौधरी के भी तेवर तल्ख हो गए थे। पूछने पर भी न बताने पर कलेक्टर ने माधवनगर थाने में मामले की एफआइआर दर्ज कराई थी। उक्त मामले में साइबर सेल की भी मदद ली गई, लेकिन मामले का खुलासा नहीं हो पाया। हैरानी की बात तो यह रही कि पुलिस ने सीसीटीवी कैमरे भी खंगाले, लेकिन 15 दिन से ज्यादा का स्टोरेज न होने के कारण सीसीटीवी की मदद जांच में नहीं मिल पाई।
टीम कर रही जांच
कलेक्टर की आइडी से मेल डिलीट होने की शिकायत के बाद जांच के लिए डीएसपी मनमोहन सिंह बघेल के नेतृत्व में जांच टीम गठित की है। टीम ने कलेक्ट्रेट जाकर सीसीटी फुटेज खंगाले और कर्मचारी से जानकारी भी ली है। जांच अधिकारी मनमोनह सिंह बघेल ने बताया कि गूगल से चिन्हित आइपी एड्रेस मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।