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कटनी

अजीबोगरीब : जिले में नहीं मिली अनुमति तो दूसरे जिले में बैठे धरने पर

पड़ोसी जिले के सिहोरा में प्रदर्शन कर रहे सहकारिता कर्मचारी

कटनीFeb 13, 2021 / 05:56 pm

narendra shrivastava

Demonstration, permission, district, administration, Chief Minister

Demonstration, permission, district, administration, Chief Minister

कटनी। जिले में मनमर्जी का अजीबोगरीब मामला सामने आया है। यहां तीन सौ से ज्यादा कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर प्रशासन से धरना प्रदर्शन की अनुमति मांगी तो उन्हे अनुमति ही नहीं दी गई। अब परेशान कर्मचारी मांगों को लेकर कटनी जिले से बाहर जबलपुर जिले के सिहोरा में प्रदर्शन कर रहे हैं। कर्मचारियों का कहना है कि धरना प्रदर्शन के लिए कटनी एसडीएम कार्यालय में पत्र दिया गया था तो सिर्फ ज्ञापन सौंपने की अनुमति प्रदान की गई। कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने 4 फरवरी से धरना की अनुमति की मांगी थी, मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का हवाला देकर अनुमति नहीं देने से मना कर दिया गया।

नहीं हुआ अन्न उत्सव, राशन वितरण पर पड़ा असर
सहकारिता कर्मचारियों के हड़ताल के कारण इस बार निर्धारित अवधि में राशन दुकानों में अन्न उत्सव नहीं हुआ। जरुरतमंदों को राशन वितरण पर भी असर पड़ा है। गेहूं खरीदी के लिए पंजीयन को केंद्र आने वाले किसानों को परेशानी के साथ ही धान का भुगतान पर असर पडऩे की बात कही जा रही है। सहकारिता समिति कर्मचारी महासंघ मध्यप्रदेश के महासचिव दिनेश द्विवेदी का कहना है कि शहरी क्षेत्र के राशन दुकानों की मांग है कि उन्हे प्रति क्विंटल 70 के बजाए दो सौ रूपये का कमीशन दिया जाए। ग्रामीण के दुकानदार राज्य शासन के कर्मचारियों की भांति वेतन और सुविधा की मांग कर रहे हैं, इसलिए सरकार द्वारा किए गए आवश्वासन पर हड़ताल समाप्त नहीं कर रहे हैं। शनिवार से डिजिटल सिग्नेचर के माध्यम से भुगतान रूक जाएगा। संबंधित कर्मचारी भी हड़ताल में शामिल होंगे।

इन मांगों को लेकर सिहोरा में प्रदर्शन कर रहे कर्मचारी
सहकारी समितियों में पदस्थ समस्त कर्मचारियों को शासकीय कर्मचारी घोषित किया जाए।
पीओएस मशीन में कटौती की गई खाद्यान्न की आबंटन जारी किया जाए, कर्मचारियों पर दर्ज झूठे मामले वापस लिए जाएं। कमीशन एवं उपार्जन कार्यों में प्रसांगित व्यय भुगतान के आदेश प्रसारित किए जाएं।

जब धरना प्रदर्शन की अनुमति मांगी गई थी तब दो दिन बाद शहर में मुख्यमंत्री का कार्यक्रम होने के कारण कानून और व्यवस्था को देखते हुए निर्णय लिया गया था। सहकारिता कर्मचारियों ने बाद में अनुमति नहीं मांगी।
बलबीर रमण, एसडीएम

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