ज्यादातर उपभोक्ताओं को कोरोना लॉकडाउन से पहले कई महीने तक शून्य या फिर माइनस में बिजली बिल दिया गया, और अब अचानक हजारों-लाखों रूपये का बिल थमाया जा रहा है। उपभोक्ता कार्यालय जाकर परेशानी बताते हैं तो विभाग के कर्मचारी अपनी गलती सुधारने के बजाए उल्टे बिजली कनेक्शन काटने की बात कहते हैं। बिजली बिल जमा करने दबाव बनाया जा रहा है।
उपभोक्ताओं का कहना है कि पूर्व के महीनों में समय पर बिजली मीटर का रीडिंग नहीं होने के कारण समस्या सामने आ रही है। मीटर रीडरों ने समय पर रीडिंग नहीं किया और इनके कार्यों पर निगरानी करने वाले अधिकारी भी हाथ पर हाथ धरे बैठे रहे। आठ से दस माह तक रीडिंग नहीं होने के बाद अब उपभोक्ताओं को पूरे महीने में उपयोग का एक साथ बिल दिया जा रहा है। दूसरी ओर विभाग के अधिकारी यह कहकर पल्ला झाड़ ले रहे हैं कि जिन रीडरों ने समय पर रीडिंग नहीं की, ऐसे 36 मीटर रीडरों को काम से अलग कर दिया गया है।
इस संबंध में डीइ शहर बिजली विभाग विकास सिंह बताते हैं कि उपभोक्ता आरती बर्मन द्वारा दी गई ज्यादा बिजली बिल की शिकायत की जांच हमने करवाई है। विभाग द्वारा उतनी की राशि का बिल जमा करने कहा गया है जितनी बिजली उपयोग की है। जिन 36 मीटर रीडरों की गलती के कारण उपभोक्ताओं को परेशानी हो रही है। उन पर कार्रवाई भी की गई है। बिजली बिल में उपभोक्ताओं की समस्या का लगातार निदान किया जा रहा है।
आठ माह तक माइनस और अब अचानक 45 हजार रूपये का बिजली बिल आरती बर्मन बिजली उपभोक्ता ने बताया कि सर्विस क्रमांक 3164372000 में बिजली विभाग द्वारा लॉकडाउन से पहले लगातार आठ माह से ज्यादा समय तक माइनस में बिजली बिल दिया गया। तब लगा कि इंदिरा ज्योति योजना के कारण ऐसा हो रहा होगा। फिर अचानक 45 हजार 930 रूपये का बिल थमा दिया गया। ज्यादा बिजली बिल की शिकायत करने पर 5 हजार 930 रूपये घटाकर शुक्रवार को चालीस हजार रूपये कर दिया, लेकिन इतने पैसे भी कहां से ले आएं। उपभोक्ता ने बिल राशि कम करवाने की मांग की है।
सात लाख बिल देखा तो होश ही उड़ गए
बिजली उपभोक्ता ईश्वरीपुरा वार्ड निवासी मकसूद अहमद ने बताया कि बीते कई महीने से बिजली विभाग द्वारा सौ रूपये बिजली बिल दिया गया और अचानक सात लाख रूपये का बिल थमा दिया गया। उपभोक्ता ने बताया कि बिल देखकर जैसे होश ही उड़ गए और अब समस्या लेकर बिजली विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। इस पर अधिकारी अपनी गलती मान ही नहीं रहे हैं।
बिजली उपभोक्ता ईश्वरीपुरा वार्ड निवासी मकसूद अहमद ने बताया कि बीते कई महीने से बिजली विभाग द्वारा सौ रूपये बिजली बिल दिया गया और अचानक सात लाख रूपये का बिल थमा दिया गया। उपभोक्ता ने बताया कि बिल देखकर जैसे होश ही उड़ गए और अब समस्या लेकर बिजली विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। इस पर अधिकारी अपनी गलती मान ही नहीं रहे हैं।