scriptनर्मदा बेसिन के तट नहीं हो पाए हरे, 18 हजार पेड़ लगाने उद्यानिकी विभाग बरती लापरवाही | Department of horticulture not found 18 thousand trees | Patrika News

नर्मदा बेसिन के तट नहीं हो पाए हरे, 18 हजार पेड़ लगाने उद्यानिकी विभाग बरती लापरवाही

locationकटनीPublished: Sep 20, 2018 09:56:12 pm

Submitted by:

dharmendra pandey

जुलाई, अगस्त और सितंबर के प्रथम पखवाड़ा में रोपे जाने थे पौधे

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कटनी. जिसके नदी के दर्शन मात्र से लोगों के पापों का क्षय हो जाता है, ऐसी पुण्य सलिला मां नर्मदा को संरक्षित करने व उसके तटों को फलदार और छायादार वृक्षों से आच्छादित करने के लिए सरकार ने वीड़ा उठाया है। 2 जुलाई 2017 को जिले में साढ़े 6 लाख पौधे रोपे गए थे, लेकिन 60 से 70 फीसदी पौधों का नामो-निशान मिट गया है। बेपरवाही की कहानी यहीं नहीं थमती। 2018 में फिर से नर्मदा बेसिन याने कि बहोरीबंद और ढीमरखेड़ा में 22 हजार 500 पौधे उद्यानिकी विभाग द्वारा रोपे जाने थे। जो अभी तक 30 फीसदी पौधे भी नहीं रोपे गए।
जानकारी के अनुसार वृहद पौधरोपण अभियान के तहत इस वर्ष उद्यानिकी विभाग द्वारा नर्मदा बेसिन में बहोरीबंद और ढीमरखेड़ा तहसील क्षेत्र क 40 हेक्टेयर रकबे में 22 हजार 500 पौधे रोपे जाने थे। इस अभियान के तहत नर्मदा बेसिन में आम, आंवला, अमरूद, नींबू, अनार, मुनगा के पौधे रोपे जाने थे। सूत्रों की मानें तो ये पौधे जुलाई, अगस्त और सितंबर के प्रथम पखवाड़े तक वर्षाकाल में रोपे जाने थे। अभी तक मात्र 4 हजार 600 पौधे ही रोपे जा सके हैं। इसकी मुख्य वजह स्टॉफ न होना है। स्टॉफ न होने से न सिर्फ पौधरोपण बल्कि सब्जी-मसाला क्षेत्र विस्तार, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना, उद्यानिकी यंत्रीकरण, संरक्षित खेती भी प्रभावित हो रही है।

इसलिए फेल हो रहा अभियान
विभागीय सूत्रों की मानें तो नर्मदा बेसिन को हरियाली से आच्छादित करने का यह अभियान विभाग में स्टॉफ की कमी के कारण पूरा नहीं हो पाया है। बहोरीबंद और ढीमरखेड़ा में 3-3 ग्रामीण उद्यान विस्तार अधिकारी होना चाहिए था, लेकिन दोनों ब्लॉकों में एक-एक हैं। यही हाल वरिष्ठ उद्यान विस्तार अधिकारी का भी है। दोनों ब्लॉकों में दो साल से पद खाली पड़ी हैं।
इनका कहना है
उद्यानिकी में स्टॉफ की कमी के कारण पौधरोपण सहित अन्य कार्य प्रभावित हो रहे हैं। संयुक्त संचालक को एक माह पहले पद पूर्ति के लिए पत्र लिखा गया था, शुक्रवार को फिर से लिखा गया है। शीघ्र ही पौधरोपण का कार्य पूर्ण कराया जाएगा।
वीरेंद्र सिंह, उप संचालक हार्टिकल्चर।

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