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पान के पत्ते अचानक हो रहे लाल-पीले, टूटकर गिर रही पान बेलें, हैरान हैं किसान

locationकटनीPublished: Dec 07, 2017 11:36:08 am

Submitted by:

balmeek pandey

तीन सैकड़ा पान किसानों की बड़ी समस्या, रोजी-रोटी लगी दाव पर

कटनी/उमरियापान. पान के पत्तों में अचानक पड़ रहे दाग…, सड़कर गिर रहीं बेलें ये हालात हैं उमरियापान में पान की फसल का। नगर में पान की पूरी फसल पाला पडऩे से बर्बाद हो रही है। कभी कीटों के कहर तो कभी प्रकृति प्रकोप से पान किसान बुरी तरह टूट रहे हैं। अनुमान के तौर पान किसानों को लाखों से अधिक का नुकसान हुआ है। पान किसानों की परेशानी व दर्द से जनप्रतिनिधि व अधिकारी पूरी तरह से उदासीन बने हैं। पान उत्पादक किसानों में गया चौरसिया, बाबू चौरसिया, कल्लू चौरसिया, दादाभाई चौरसिया, उमाकांत चौरसिया, अन्नू, राजेंद्र, अम्मू, विजय, संजू चौरसिया, दम्मी, पवन, भल्लू टीटू, बसोरी चौरसिया आदि ने बताया कि पान की खेती उनकी आजीविका का एक मात्र साधन है। इस बार पान की फसल पाला पडऩे के कारण 80 फीसदी फसल बर्बाद हो चुकी है। खेती तबाह होने से पान किसानों के सामने रोजी-रोजी का संकट खड़ा हो गया है।

किसान ने बताई समस्या
पान किसानों ने बताया कि उमरियापान का देसावरी बंगला और कटक पान प्रदेश ही नहीं अन्य प्रदेशों में भी भेजा जाता है। जिसके लिए उमरियापान प्रसिद्ध है। पान किसानों ने कहा कि पान हमारी संस्कृति में शामिल है। इसके बावजूद पान का लेकर भी प्रशासन गंभीर नहीं है। पान किसानों की माली हालत खराब होने के बावजूद केन्द्र व राज्य सरकार की गलत नीतियों की वजह से अब तक पान की खेती को कृषि का दर्जा नहीं मिल सका है। साल दर साल आपदा के प्रकोप के चलते हर साल यह खेती घाटे का सौदा होते जा रही है। कई किसान पान की खेती करना भी छोड़ चुके हैं। पिछली बार कीटों के प्रकोप से फसल तबाह हो गई थी और इस बार पान पर पाला पडऩे से पान के पत्तों पर काले- लाल धब्बे पड़ रहे हैं,

इन किसानों का कहना है
प्राकृतिक आपदा के चलते उपज नहीं होने से त्रस्त पान किसानों ने खेती छोड़ मजदूरी करना शुरू कर दिया है। क्षति पर पान किसानों को शासन से पर्याप्त मुआवजा नहीं मिलता हैं। जिससे किसान नाराज हैं।
रामकुमार चौरसिया, पान किसान।

लाखों रूपए की लागत के बाद पान खेती के लिए बनाई पारियां किसी न किसी कारण से खत्म हो जाती हंै। किसानों को लागत निकालना भी मुश्किल हो जाता है।
गया प्रसाद चौरसिया, पान किसान।

पान किसानों को पाले के कहर से भारी नुकसान हो चुका है। जिससे किसानों का खर्च तक निकालना मुश्किल हो गया। पान किसान कर्ज में डूब गए हैं। इस पर शासन-प्रशासन को ध्यान देना चाहिए।
सुशील चौरसिया, पान किसान

पान की खेती हमारी आजीविका का एक मात्र साधन है। पूरी खेती खराब हो जाने से हम रोजी-रोटी के लिए मोहताज हो जाएंगे। घर चलाने के लिए मजबूरन गांव छोड्कर पलायन के लिए जाना पड़ेगा।
सुरेश चौरसिया, पान किसान

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