योजना क्रमांक 01
6 फरवरी 21 की घोषणा के अनुसार 10 करोड़ रुपये की लागत से चांडक चौक से खिरहनी ब्रिज के दोनों ओर 70 मीटर तक भूमि अधिग्रहण, सड़क चौड़ीकरण होना था, इसमें दावे-आपत्ति भी लिए गए हैं। नाप भी हो गई है। अधिग्रहण व विकास के लिए 16 मार्च को नगरीय प्रशासन विभाग को विशेष अनुदान के लिए हुआ है पत्राचार।
योजना क्रमांक 2
10 करोड़ रुपये की लागत से 6 फरवरी 21 को घोषणा हुई थी कि गाटरघाट से लेकर मोहन घाट तक रिवर फ्रंट विकास योजना पर काम होगा। सौंदर्यीकरण होग, प्रस्ताव अमृत 2.0 के अंतर्गत स्वीकृति के लिए गया हुआ, लेकिन अभी तक इस पर न तो अमल शुरू हुआ और ना ही काम और घाट गंदगी से अटे पड़े हैं।
योजना क्रमांक 3
चौपाटी स्थल पर पार्किंग एवं नवीनीकरण का डीपीआर 6 फरवरी 21 के पहले बन गया था। यह कार्य 8.25 करोड़ रुपये की लागत से कराया जाना है। इसके लिए भूमि आवंटन का पेंच फंसा हुआ है। कलेक्टर एवं अध्यक्ष नजूल निर्वर्तन समिति को 9 मार्च को पत्र दिया गया है, विशेष अनुदान के लिए 5 करोड़ रुपये की रखी गई है मांग।
योजना क्रमांक 4
मुख्यमंत्री शहरी अधोसंरचना योजना अंतर्गत बस स्टैंड का निर्माण, विकास कार्य के लिए निविदा 20 जनवरी 22 को हुई है। चार लोगों ने निविदा डाली, शर्तें पूरी होने के बाद फाइनेंसियल विड खोलने की प्रक्रिया चल रही है, प्रकरण को अब तकनीकी मूल्यांकन समिति के पास भेजा गया है।
इन योजनाओं पर भी शुरू हो पाया काम
- 2.81 करोड़ रुपये की लागत से होना था कटायेघाट मार्ग पर डे्रन क्रॉस पुलिया का निर्माण, 7 जनवरी को निविदा प्रक्रिया पूरी हो गई थी, ठेकेदार एसएन कंस्ट्रक्शन द्वारा निविदा शर्तों को नहीं किया गया पूरा, जिसे किया बाहर, अब एनकेपी कंस्ट्रक्शन को काम देने चल रही निविदा प्रक्रिया, दो साल पहले बनी थी योजना।
- 1.20 करोड़ रुपये की लागत से अमीरगंज तालाब का सौंदर्यीकरण व उन्नययन होना था, 7 दिसंबर 21 को निविदा प्रक्रिया पूरी हुई, 6 निविदाकारों में से एसएन कंस्ट्रक्शन को तालाब सौंदर्यीकरण का काम सौंपना है, अभी स्वीकृति की चल रही है कार्रवाई।
- मध्यप्रदेश गृह निर्माण एवं अधोसंरचना विकास मंडल द्वारा पुरानी कचहरी एवं साधुराम स्कूल परिसर पर मल्टीलेवल पार्किंग, मार्केट, कार्यालय आदि बनाने बनी है योजना, यह योजना सिर्फ कागजों और बैठकों में ही हो रही है तैयार।
- नई बस्ती अधारकाप होते हुए पन्ना नाका तक सड़क निर्माण के लिए तत्कालीन कलेक्टर एसबी सिंह के निर्देशन में नगर निगम ने बनाई थी कार्ययोजना, कलेक्टर के जाते ही योजना पड़ी ठंडे बस्ते में, कई वर्षों से जमे इंजीनियों की कार्यप्रणाली के चलते फिरा योजना पर पानी।
इनका कहना है
कई निर्माण कार्यों की कार्ययोजना तैयार हो गई है। निविदा प्रक्रिया भी हो गई है। जहां पर बजट की समस्या है वहां विभाग को पत्राचार किया गया है। काम समय पर हों, इसपर ध्यान दिया जाएगा।
सत्येंद्र सिंह धाकरे, आयुक्त।