कटनीPublished: Jan 16, 2019 12:25:22 pm
mukesh tiwari
कालोनाइजर की जगह रहवासियों पर विकास शुल्क का दबाव, नगर निगम क्षेत्र में कॉलोनियों के वैधीकरण के बाद नहीं शुरू हो पा रहे विकास कार्य
Development work not happening in the city’s colonies
कटनी. शहर की अवैध कॉलोनियों को वैध करने की प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब लोग विकास कार्य शुरू होने की राह देख रहे हैं। उनकी राह में विकास शुल्क का भुगतान रोड़ा बना हुआ है। निगम ने लोगों को शुल्क जमा करने नोटिस दिए हैं और अंतिम व्यक्ति तक का शुल्क जब तक जमा नहीं होता है विकास कार्य प्रारंभ नहीं हो पाएंगे। दूसरी ओर कुछ कॉलोनियों के कालोनाइजर के होने बाद भी विकास शुल्क उनसे न वसूले जाने को लेकर भी कार्रवाई सवालों के घेरे में है। इसी तरह का मामला उपनगरीय क्षेत्र एनकेजे के श्यामा प्रसाद मुखर्जी वार्ड की आरपीएफ चौकी के पीछे की कॉलोनी की है। यहां पर वैधीकरण के बाद विकास कार्य को लेकर लोगों को नोटिस दिए गए हैं जबकि आमजन सहित स्थानीय पार्षद तक अधिकारियों को शिकायत सौंपकर कॉलोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई और विकास शुल्क उससे लेने को लेकर शिकायत कर चुके हैं। अब विकास शुल्क के कारण फंसे पेंच में विकास कार्य शुरू नहीं हो पा रहे हैं।
आठ साल से जारी पत्राचार
मुखर्जी वार्ड की कॉलोनी को लेकर वर्ष 2011 से स्थानीय जन पत्राचार करते आ रहे हैं। जिसमें कहा गया कि कॉलोनाइजर अमित शुक्ला व रमेश शुक्ला द्वारा नागरिकों को भ्रमित कर भूखंड विक्रय किए गए। बाद में पानी की निकासी आदि भी बंद कर दी गई। जिसमें कॉलोनाइजर के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी निवासी अधिकारियों से मिले थे। इसके अलावा वर्ष 2014 में तत्कालीन पार्षद उर्मिला शुक्ला ने और उसके बाद नागरिकों के पत्र पर वर्तमान पार्षद व नगर निगम अध्यक्ष संतोष शुक्ला ने भी कई बार स्थानीय स्तर से लेकर नगरीय प्रशासन विभाग तक शिकायत भेजी है। नागरिकों को भेजे गए राशि के डिमांड को लेकर भी लोगों व पार्षद ने अधिकारियों से नगर पालिक निगम अधिनियम के तहत कॉलोनाइजर के होने पर उससे विकास शुल्क जमा कराने को लेकर फिर से आवेदन दिए गए हैं।
इनका कहना है…
नियमानुसार अवैध कॉलोनियों को वैध करने के बाद विकास शुल्क जमा कराने को लेकर कॉलोनाइजर के जीवित रहने व सक्षम होने पर उससे ही शुल्क लिया जाना चाहिए। इस संबंध में आयुक्त के साथ ही वरिष्ठ कार्यालयों को पत्र भेजा है। शुल्क को लेकर मुखर्जी वार्ड की तरह अन्य कॉलोनियों में छोटे-छोटे विकास कार्य नहीं हो पा रहे हैं।
संतोष शुक्ला, अध्यक्ष नगर निगम