ग्राम पंचायतों को कार्यो मैं होगी आसानी
हाईटेक डिजिटल प्रणाली से पंचायतें विकास कार्यों के प्रस्ताव जनपद और जिला पंचायतों को भेज कर उसकी मंजूरी ले सकेंगी। इसके लिए उन्हें न तो लंबा इतजार करना पड़ेगा और न ही इन कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ेंगे। जनपद और जिला पंचायतें भी ग्राम पंचायतों से भेजे गए प्रस्तावों पर विचार करने में देरी नहीं कर सकेंगी।क्योंकि ऑन लाइन से विभाग को भी यह पता चल सकेगा कि कौन सा प्रस्ताव किस स्तर पर कितनी देरी तक रोका गया है। सरपंच और सचिव निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड सहित अन्य दस्तावेजों में भी इस हस्तक्षर का उपयोग कर सकें, इसके लिए पंचायत के पोर्टल में एक साफ्टवेयर तैयार किया गया है।
नहीं रुकेगा कार्य
इस साफ्टवेयर के माध्यम से ग्रामीण आवेदन ऑन लाइन सरपंच और सचिव के पास भेज सकेंगे। डिजिटल हस्ताक्षर होने से सरपंच और सचिव अगर ग्राम पंचायत में नहीं हैं तो भी किसी तरह से कार्य नहीं रुकेगा। इस हस्ताक्षर का सबसे ज्यादा ई-भुगतान में उपयोग किया जाएगा। क्योंकि पंचायतों में सारे भुगतान अब ऑन लाइन ही किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने सभी ग्राम पंचायतों को डिजिटल हस्ताक्षर तैयार करने के निर्देश दिए थे। साथ ही हस्ताक्षर तैयार करने के लिए हर पंचायतों को दो हजार रुपए दिए गए थे।
दो साल के लिए वैध होंगे हस्ताक्षर-
विभागीय अधिकारियों के मुताबिक डिजिटल हस्ताक्षर सिर्फ दो साल के लिए ही वैध होंगे। दो साल बाद इसकी वैधता बढ़ाने के लिए डिजिटल हस्ताक्षर तैयार करने वाली कंपनी को दोबारा ठेका दिया जाएगा और आईडी कोड तैयार किए जाएंगे। जिन ग्राम पंचायतों में सचिव नहीं हैं वहां रोजगार सहायकों के डिजिटल हस्ताक्षर होंगे।
इनका कहना है
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के आदेशानुसार 1 अप्रैल 2019 से जनपद की ग्राम पंचायतो मैं भी डिजिटल प्रणाली प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।इसके लिए जनपद की सभी 79 ग्राम पंचायतों के सरपंच, सचिव व ग्राम रोजगार सहायक के डिजिटल हस्ताक्षर तैयार कर लिए गए है।
शिवानी जैन जनपद सीईओ बहोरीबंद.