कटनी में 7 मिलर और 15 समितियों द्वारा कागजों में ही 8 करोड़ रुपए से ज्यादा की धान खरीदी कर सरकारी खजाने को नुकसान पहुंंचाने जैसे कुत्सित प्रयास का मामला सामने आने के बाद अब व्यवस्था में इस तरह की खामियों को नहीं पनपने देने पर ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए अलग-अलग स्तर पर बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है।
कलेक्टर प्रियंक मिश्रा बताते हैं कि धान व गेहूं खरीदी के दौरान गड़बड़ी रोकने के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित कर व्यवस्था में बदलाव का ड्राफ्ट तैयार कर रहे हैं। हमारी पूरी कोशिश है कि ऐसी गड़बड़ी भविष्य में नहीं हो इस बात का पूरा ध्यान रखा जाए। इसके लिए खरीदी में ईमानदारी से काम के अलावा तकनीक का भी सहारा लिया जाएगा। कोशिश होगी पूरी पारदर्शिता के साथ खरीदी हो जिससे किसानों को नुकसान नहीं हो और गलत इरादे वालों के मंसूबों को सफल नहीं होने दिया जाए।
सरकारी खजाने की चोरी रोकने होंगे ये प्रयास
- वर्तमान मेंं उपज खरीदी के बाद परिवहन के लिए ट्रक नंबर का कॉलम में कई बार निल दर्शा दिया जाता है। इस पर विशेष नजर होगी और बिना सही ट्रक नंबर दर्ज किए उपज की डिलेवरी आर्डर समिति द्वारा नहीं काटी जाएगी।
- सरकारी एप सार्थक को भी उपयोग में लाया जा सकता है। इसमें खरीदी केंद्र में प्रभारी किसान की उपज के साथ फोटो अपलोड करेंगे। उपज परिवहन के समय फोटो समय के साथ अपलोड होगी और मिल प्वाइंट पर पहुंचने के साथ ही फिर फोटो अपलोड की जाएगी। डिजिटल मॉनीटरिंग का उपयोग कर भी बिना उपज के फर्जी परिवहन पर रोक लगाई जा सकेगी।
- खरीदी के दौरान गांव-गांव युवाओं और किसानों को जागरुक किया जाएगा। विशेष नंबर जारी किए जाएंगे। उन्हे बताया कि खरीदी में जहां कभी भी लगे कि ईमानदारी से काम नहीं हो रहा है तो शिकायत दर्ज करवाएं।
- बोवनी के समय गिरदावरी में धान व गेहूं की प्रजाति की जानकारी किसान ने नाम के दर्ज की जाएगी। यह भी दर्ज किया जाएगा कि किसान ने कितने रकबा में बोवनी की है। इस जानकारी से उपज बिक्री के समय बिचौलियों द्वारा दूसरे राज्यों व पुराने अनाज की बिक्री करने जैसे प्रयासों को रोका जा सकेगा।
रंग ला रही पत्रिका की मुहिम, मील का पत्थर साबित होगी व्यवस्था में बदलाव
- कटनी में 3 फरवरी को 15 समितियों से 7 मिलर्स के नाम जारी धान डिलेवरी आर्डर (डीओ) में धान कहीं नहीं था। मिलर्स, समिति कर्मचारी व बिचौलिए रुपी किसानों के सगंठित गिरोह ने सरकारी खजाने में 8 करोड़ 31 लाख रुपए की चपत लगा दी। व्यवस्था को घुन की तरह कमजोर कर रहे इन तत्वों की कारगुजारी को उजागर करने 'पत्रिकाÓ ने मुहिम चलाई और गड़बड़ी को लेकर हर स्तर पर चोट किया। इसका असर हुआ। जांच टीम ने कई दिन की कवायद के बाद 6 मिलर्स पर एफआइआर दर्ज करवाई। आगे की जांच अभी जांच जारी है, जिसमें समितियों पर कार्रवाई होगी। इस बारे में कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने पहले ही कहा था कि उनकी कोशिश होगी सिस्टम को ठीक करने के लिए गड़बड़ी को हमेशा के लिए बंद करने का प्रयास किया जाए। अब इसकी कवायद भी शुरू हो गई है। बदलाव ईमानदारी से अमल में आती है तो निश्चित तौर पर व्यवस्था में सुधार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।