उबरा समिति के कर्मचारियों पर एफआइआर, 14 को भूले-
जांच टीम ने 8 करोड़ रुपए के धान खरीदी घोटाले में धान खरीदी केंद्र उबरा के दो कर्मचारियों पर तो एफआइआर दर्ज करवा दी, लेकिन 14 समितियों पर कार्रवाई करना भूल गए।
इन समितियों की भूमिका की होनी है जांच -
उबरा, पिपरियाकला, धरवारा, बचैया, हदरहटा, सिंगोड़ी, हथियागढ़, सिहुड़ी, बगैहा, सलैया कोठारी, विजयराघवगढ़, करेला, नन्हवारा अमेहटा, बरही व बड़वारा समिति की भूमिका की जांच होनी है। इस मामले में उबरा समिति पर एफआइआर दर्ज हुई है।
ऐसे दिया घोटाले को अंजाम -
धान खरीदी केंद्र से 3 फरवरी को जारी धान डिलेवरी आर्डर में 4286.7 मिट्रिक टन धान का परिवहन कर 7 मिलर्स (गुरूनानक इंडस्ट्रीज, जय श्रीकृष्णा इंडस्ट्रीज, प्रगति राइस मिल, रोहरा इंडस्ट्रीज, सियाराम इंडस्ट्रीज, सुमन सत्य नारायण व वरुण इंडस्ट्रीज) को भेजना बताया गया। मिलर्स ने धान प्राप्त करना स्वीकार कर लिया और नान से भुगतान की प्रक्रिया प्रारंभ हुई। बड़ी बात यह है कि 8 करोड़ 31 लाख रुपए के डीओ जारी होने के इस मामले में भौतिक रूप पर धान कहीं नहीं था और सीधे तौर पर सरकारी खजाने पर डाका डालने जैसा कृत्य किया गया।
इन मिलर्स की हुई थी जांच -
गुरूनानक इंडस्ट्रीज
जय श्रीकृष्ण इंडस्ट्रीज
प्रगति राइस मिल
रोहरा इंडस्ट्रीज
सियाराम इंडस्ट्रीज
सुमन सत्य नारायण
वरुण इंडस्ट्रीज