इसमें निर्धारित क्षमता से जितना ज्यादा ओवरलोड उतना ज्यादा जुर्माने का प्रावधान है। एनएचएआइ के इस प्रयोग से लंबी दूरी की गाडिय़ों में ओवरलोड कम हो गया है, लेकिन कम दूरी की वाहन चालकों में इस मामले को लेकर अभी भी समझदारी का इंतजार है। कम दूरी के वाहन चालक टोल प्लाजा में विवाद भी कर रहे हैं। एनएचएआइ के तकनीकी जानकार बताते हैं कि हॉइवे की सड़कों पर ओवरलोड वाहन नहीं चले तो सड़क की उम्र कई गुना बढ़ जाएगी।
एनएचएआइ कटनी पीआइयू के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बाझल ने बताया कि ओवरलोड वाहनों से सड़कों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए टोल प्लाजा से गुजरने वाले वाहनों पर जुर्माना लगाने के लिए भारत सरकार द्वारा 25 सितंबर 2018 को अधिसूचना जारी की गई है। ओवरलोड वाहनों से सड़कों को बचाने के लिए यह प्रयास अच्छा है। निर्धारित क्षमता से मालवाहक वाहनों के चलने पर दुघर्टना की आशंका भी कम हो जाती है।
प्रत्येक टोल प्लाजा में 20 से ज्यादा वाहन, ज्यादातर कम दूरी की
एनएचएआइ द्वारा कटनी पीआइयू अंतर्गत मझगवां, धुरवार, सोनवर्षा, खेरवासानी और ओडकी पड़वार में धर्मकांटा लगावाया गया है। यहां से गुजरने वाले वाहनों को लेकर अधिकारी बताते हैं कि प्रत्येक टोल प्लाजा में प्रतिदिन 20 से ज्यादा वाहन ओवरलोड मिल रहे हैं। इसमें ज्यादातर कम दूरी की होती है। लंबी दूरी वाहनों ने जुर्माने के बाद ओवरलोड चलना कम किया है।
यह है जुर्माने का प्रावधान
– आरटीओ द्वारा वाहन की निर्धारित क्षमता से 20 प्रतिशत तक ज्यादा ओवरलोड होने पर टोल राशि का दो गुना।
– बीस से चालीस प्रतिशत तक चार गुना, चालीस से साठ प्रतिशत तक 6 गुना, साठ से अस्सी प्रतिशत तक आठ गुना और अस्सी प्रतिशत और उससे अधिक दस गुना।