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ट्रैक्टर-ट्राली में बिठाकर मजदूरों को भेजा गांव, कर्मचारियों ने दिया तर्क-बंद कर दिया था खाना पीना, मच्छर की वजह से नहीं आती थी नींद

locationकटनीPublished: Apr 27, 2020 08:06:35 pm

Submitted by:

dharmendra pandey

-2 दिन पहले कोरोना संक्रमित जिला विदिशा से पहाड़ी आए मजदूरों को अफसरों ने रखवाया था गांव की शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल पहाड़ी में क्वारेंटाइन में
-रविवार को अचानक से भिजवाया घर, जबकि साथ में आए दो मजदूर जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड हैं भर्ती
 

ट्रैक्टर-ट्राली में बिठाकर मजदूरों को भेजा गांव, कर्मचारियों ने दिया तर्क-बंद कर दिया था खाना पीना, मच्छर की वजह से नहीं आती थी नींद

ट्रैक्टर-ट्राली में मजदूरों को गांव भिजवाने वाली यह तस्वीर जिम्मेदारों की जागरुकता की पोल खोल रही है। एक ही वाहन में भेड़-बकरियों की तरह मजदूरों को बैठाकर घर तक भेजा गया। दिया गया।

कटनी. शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल पहाड़ी निवार में क्वारेंटाइन में रखे गए 75 मजदूरों को दो दिन बाद ही घर ट्रैक्टर-ट्राली में बिठाकर अफसरों ने घर भिजवा दिया। क्वारेंटाइन में रखे गए मजदूरों के घर भिवजाने को लेकर मौजूद कर्मचारियों द्वारा तर्क दिया जा रहा है कि मजदूरों ने खाना पीना बंद कर दिया था। छोटे-छोटे बच्चों को भी भोजन नहीं करने देते थे। कहते थे कि हमें घर भिजवा दो। यहां पर मच्छर काटते है। परेशान कर दिया था। जिसके बाद वरिष्ठ अफसरों से चर्चा कर सभी का नाम रजिस्टर में दर्ज कर घर भिजवा दिया गया और 14 दिन तक घर से बाहर न निकलने की भी हिदायत दी गई है। बाहर से आने वाले लोगों को 14 दिन तक क्वारेंटाइन में रखने को लेकर प्रशासन की तैयारी की कलई भी खुलकर सामने आ रही है। बाहर से आने वाले मजदूूरों को सीधे गांव में प्रवेश देने से संक्रमण फैलने का खतरा मंडरा रहा है। बतादें कि ग्राम पहाड़ी निवार से विदिशा मजदूरी करने गए 75 मजदूरों का दल शुक्रवार को गांव पहुंचा था। यह दो दल के रूप में आया था। बड़ी तादात में मजदूरों के आने की सूचना लगते ही गांव पहुंचे प्रशासनिक अमले ने सभी मजदूरों की स्क्रीनिंग कराई। जांच दल को दो मजदूर संदिग्ध लगे। दोनों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भिजवाया गया। यहां पर डॉक्टरों ने दोनों मजदूर को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया गया।

तीन दिन के भीतर 95 मजदूर आ चुके हैं गांव
जिले में रोजगार नहीं मिलने से अपना व परिवार का जीविकोपार्जन के लिए प्रदेश व जिले से बाहर गए मजदूरों का लॉक डाउन में गांवों की तरफ लौटना जारी है। अकेले ग्राम पंचायत पहाड़ी निवार की बात करें तो तीन दिन के भीतर 95 मजदूर परिवार के साथ गांव लौटे हैं। ये सभी मजदूर विदिशा, सागर, बीना, जबलपुर जैसे संक्रमित जिलों से लौटकर आ रहे है। बड़ी संख्या में मजदूरों के गांव लौटने और तुरंत घर में प्रवेश मिलने की वजह से जिला सुरक्षित दिखाई नहीं दे रहा है। अब तक 18 हजार से अधिक लोग जिले में अब तक आ चुके हैं। इसमें से 80फीसदी मजदूर वर्ग है। जो काम की तलाश में गुजरात, दिल्ली, महाराष्ट्र, भोपाल, जबलपुर, डिंडौरी, इंदौर, खरगोन, सागर, विदिशा जैसे जिलों में परिवार के साथ पेट पालने गए थे।
सोशल डिस्टेंसिंग का भी नहीं रखा ध्यान-
शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल पहाड़ी निवार में दो दिन तक ठहराए गए मजदूरों को जिस वाहन से जिम्मेदारों ने गांव भिजवाया, उसमें भी सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान नहीं रखा गया। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराना जिम्मेदार ही खुद भूल गए और सभी मजदूरों को सामान सहित एक ट्रैक्टर-ट्राली में भेड़-बकरियों की तरह बिठवा दिया। इससे जिम्मेदारों की लापरवाही भी निकलकर सामने आई।

-मजदूरों को स्कूल में क्वोंटाइन कराया गया था। दो दिन रुकने के बाद मजदूर घर छोडऩे की जिद पर अड़ गए। खाना छोड़ दिया। कहने लगे की यहां पर मच्छर काटते है। जिसके चलते सभी मजदूरों को घर भिजवा दिया गया।
बलवीर रमण, एसडीएम।

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