scriptvideo: खूंखार तेंदूआ के हमले से स्वयं की रक्षा का अलहदा अंदाज | Different way to protect yourself from the dreaded leopard attack | Patrika News

video: खूंखार तेंदूआ के हमले से स्वयं की रक्षा का अलहदा अंदाज

locationकटनीPublished: Sep 30, 2019 01:57:10 pm

तेंदुआ ताकतवर है तो क्या हुआ…सेही ने उसके हमले से स्वयं की रक्षा कर साबित कर दिया कि चतुराई हर काम में जरुरी है.
– वीडियो जिसने भी देखा, सेही की चतुराई और धैर्य के साथ उसकी हिम्मत की भी दाद दी.
– कटनी जिले में शिकारियों की सक्रियता से सेही के अस्तित्व पर मंडरा रहे संकट के बादल.

What happened if the leopard is powerful ...

तेंदुआ ताकतवर है तो क्या हुआ…

कटनी. वन्यप्राणी भी इंसानों को जीवन जीने की सीख देते हैं। वीडियो में बीच सड़क पर तेंदूआ ने जब सेही पर हमला बोला तो तेंदूआ के ताकत के आगे भला सेही की क्या मजाल थी कि वह बच जाती। फिर भी सेही ने तेंदूआ के हर हमले का सूझ-बूझ और धैर्य के साथ सामना किया। नतीजा, ताकतवर तेंदूआ को भी हार माननी पड़ी। सेही की चतुराई, धैर्य और हिम्मत ने न सिर्फ उसकी रक्षा की, बल्कि सीख भी दे गया कि जीने का यही अंदाज है अलहदा।
वीडियो को पूरा देखने के बाद आप भारतीय सेही के बारे में जरूर जानना चाहेंगे। भारतीय सेही एक कृंतक जानवर है। इसका फैलाव तुर्की, भूमध्य सागर से लेकर दक्षिण-पश्चिम तथा मध्य एशिया (अफग़ानिस्तान और तुर्कमेनिस्तान सहित) एवं दक्षिण एशिया (भारत, पाकिस्तान, नेपाल तथा श्रीलंका) और चीन तक में है। हिमालय में यह 2400 मी. तक की ऊंचाई में पाया जाता है।
इसकी लंबाई 63 से 91 सेमी., पूँछ की लंबाई 15 से 30 सेमी. और वजन 5 से 16 किलोग्राम तक होता है। इसके शरीर के बाल मोटे, मज़बूत और नुकीले होते हैं जो इसे परभक्षियों से बचने में मदद करते हैं। इन बालों को सेही के कांटे भी कहते हैं। सेही के शरीर हिलाने पर यह कांटे झड़ते हैं, यह धारणा गलत है कि सेही इन कांटों को अपने दुशमन पर फेक सकता है। हां…झड़ने से तेंदुआ जैसे खूंखार प्राणी भी मुसीबत में जरूर आ सकते हैं।
देश में विलुप्तता की कगार पर पहुंच रहे सेही का अस्तित्व बचाए रखने में शिकार भी बड़ी चुनौती है। कटनी रेंज के अमकुही के जंगल में अविनाश बर्मन (28) ने सेही का शिकार किया है। वह उसे पकाकर खाने वाला था, तभी वन विभाग की टीम पहुंची और शिकार के साथ पकड़ लिया।
अगस्त के अंतिम सप्ताह की घटना पर रेंजर लाजरुस लकड़ा बताते हैं कि वह सेही को भूंजने का प्रयास कर रहा था,तभी पकड़ लिया गया। आरोपी के पास से सेही का मांस, शिकार में प्रयुक्त छुरा, लाठी आदि सामग्री को जब्त किया। 30 अगस्त को उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया।
रेंजर बताते हैं कि कटनी के जंगलों में सेही पाया जाता है, लेकिन शिकारियों की सक्रियता भी बड़ी चुनौती है। कटनी जिले में वन्यप्राणियों के शिकार के सालभर में दो दर्जन से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। हांलाकि शिकारियों पर लगातार नकेल कसा जा रहा है और अवैध शिकार में कमी आई है।
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