बंद कर दिया था कमरे में
विवाद बढ़ते देख मौके पर भारी संख्या में अन्य नर्सें पहुंच गई। किसी तर मान-मन्नौवल कर नर्स को डायल 100 से उतार लिया और उसे पहले सीएस के चेम्बर में ले जाने का प्रयास किया, लेकिन ताला लटके होने के कारण फिर उसे जननी सुरक्षा योजना के कार्यल में लेजाकर बंद कर दिया गया। बंद कमरे में नर्स से चर्चा की जाती रही। काफी समय के बाद मामला शांत हुआ।
चौकी पुलिस को नहीं दी सूचना
हैरानी की बात तो यह रही काफी देर तक नर्स का ड्रामा चलता रहा है, लेकिन चौकी पुलिस ने ध्यान नहीं दिया। काफी समय के बाद चौकी से एक कर्मचारी मौके पर पहुंचा तो स्टाफ नर्स ने साफ मना कर दिया कि वह चौकी वालों से कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई। इसके पीछे की मुख्य वजह रही है कि चौकी पुलिस की निष्क्रिय कार्यप्रणाली। चिकित्सकों और कर्मचारियों का आरोप था कि पूर्व में कई बार ऐसे मामले सामने आये हैं, लेकिन पुलिस सुनवाई नहीं करती थी।
हमेशा बन रही विवाद की स्थिति
काबिले गौर है कि जिला अस्पताल में पिछले कुछ माह से हर रोज कुछ न कुछ विवाद की स्थिति बन रही है। कभी सफाई कर्मचारियों को निकाल देने के मामले में हंगामा होता है तो कभी डॉक्टर न रहने पर। कभी ब्लड बैंक में तो लैब में समस्या निर्मित हो रही है। कभी डॉक्टरों से अभद्रता तो कभी नर्सिंग स्टॉफ से अभद्रता हो रही है।