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पानी की खराब बोतलों से तैयार कर दी फूलों की बगिया, नवाचार देखने पहुंच रहे लोग, देखे वीडियो

locationकटनीPublished: Feb 19, 2018 12:01:16 pm

Submitted by:

dharmendra pandey

जिला पंचायत कार्यालय की छत पर हुई बागवानी, होटलों से मंगाए पानी की खाली बोतल, बनवाएं गमले
 

district panchayat

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कटनी. होटल, मीटिंग या पार्टी के दौरान पानी पीकर जिन बोतलों को खराब समझकर फेंक देते हैं, उन्हीं पानी को बोतलों का उपयोग पौधे लगाने के लिए गमले के रूप में किया जा रहा है। पानी की बोतलों के बने इन गमलों में जिला पंचायत की छत पर फूल लगाए गए हैं। छत पर लगे विभिन्न प्रकार के फूल अब कार्यालय की शोभा बढ़ा रहे।

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जिला पंचायत में आए दिन सरकारी कार्यक्रम होते हैं। बैठकों में शामिल होने वाले जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को बोतलों में पीने का पानी दिया जाता है। पानी पीने के बाद बोतलें दफ्तर में ही फेंक दी जाती है। इन बोतलों का सही तरीके से दूसरे कार्यों में भी इस्तेमाल किया जा सकें, इसके लिए जिला पंचायत सीईओ फे्रंक नोबल ने नवाचार किया। परिसर के भीतर खराब पड़ी लगभग ४०० पानी को बोतलों का गमला बनवाया। उद्यानिकी विभाग की मदद से इन गमलों में विभिन्न प्रकार के फूलों के पौधे लगवाए। पौधे न सूखे, बराबर इनकी देखरेख होती रहे, इसके लिए एक माली की भी व्यवस्था की गई। साथ ही जिला पंचायत के समस्त अधिकारियों को १००-१०० गमलें लगवाने के निर्देश दिए।


इनका कहना है:
पानी पीने के बाद लोग बोलतों को फेेंक देते है। पानी की इन बोतलों का उपयोग हम दूसरे तरीके से भी कर सकते है, इसके प्रति जागरुकता लाने के लिए जिला पंचायत में खराब पड़ी बोतलों का गमला बनवाकर, उमसें फूलों के पौधे लगवाएं गए है। साथ ही किचन गार्डन की बनाने की तैयारी की जा रही है।

फ्रेंक नोबलए, जिला पंचायत, सीईओ कटनी।
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कैग रिपोर्ट में खुलासे के ९ साल बाद भी जमा नहीं हुई मार्बल उत्खनन रायल्टी
४ साल में ६ नोटिस जारी कर चुका है खनिज विभाग, बहोरीबंद के छपरा गांव में अरिहंत मार्बल पर रायल्टी बकाया का मामला
कटनी .बहोरीबंद के छपरा गांव में मार्बल उत्खनन के बाद उचित रायल्टी जमा नहीं करने का खुलासा २००८-०९ में भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (कैग) ने किया था। कैग की रिपोर्ट के अनुसार छपरा में ५.८९ हेक्टेयर में मार्बल खदान चलाने वाले मेसर्स अरिहंत मार्बल द्वारा १२ लाख ९० हजार ८३३ रुपये की रायल्टी राशि जमा नहीं किया जाना पाया गया। कैग के प्रतिवेदन के बाद खनिज विभाग द्वारा मेसर्स अरिहंत मार्बल भागीदार सुधीर जैन व सुभाषचंद्र जैन को २०१३ से २०१७ के बीच रायल्टी राशि जमा करने के लिए ६ नोटिस जारी किया गया। रायल्टी राशि फिर भी जमा नहीं हुई। उपसंचालक खनिज दीपमाला तिवारी ने बताया कि २००८ से पहले किए गए मार्बल उत्खनन पर कैग की आडिट रिपोर्ट के बाद मेसर्स अरिहंत मार्बल को मध्यप्रदेश गौण खनिज नियम १९९६ के नियमों के अनुबंध शर्त पर राशि जमा करने का नोटिस फिर जारी किया गया है।

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