सिर्फ जयपुर से मिली मदद
महेश ने कहा कि 600 रुपयें पेंशन मिलती है, सोमवार को पांच सौ रुपये से ज्यादा खर्च हो गए। 35 किलो अनाज में गुजर-बसर कर रहे हैं। मझगवां से एक दोस्त गोविंद की साइकिल मांग लिए है, वह खराब हो गई है। लेकिन अब हमारा कर्तव्य होता है कि सही करवाकर साइकिल लौटा दें, लेकिन चार्जर सहित अन्य सामान भी नहीं मिला। जयपुर से हाथ वाली गाड़ी लेकर आए थे, वह खराब हो गई है। लॉकडाउन के कारण जयपुर भी नहीं जा पाए, सिर्फ लाभ जयपुर से मिला है। शासन-प्रशासन के हम आधीन हैं, नहीं देगी तो न कुछ कह सकते न कुछ कर सकते। भगवान पर भरोसा है। अच्छा है तो सही है, बुरा है तो सही है। अब जो कष्ट लिखे हैं वह तो भोगने पड़ेगे। महेश ने कहा कि किसी से कोई शिकवा नहीं है। महेश का कहना है कि साइकिल नहीं देना था तो न बुलाते।