जांच रिपोर्ट मिली, तबतक चले गए थे डॉक्टर
100 किलोमीटर का सफर तय करके ग्राम धनवाही से जिला अस्पताल पहुंचे राहुल कोरी को भी परेशानी उठानी पड़ी। राहुल पीलिया के कारण परेशान है। हीमोग्लोबिन 8.9 है तो वहीं पालिया की मात्रा भी अधिक है। सुबह परिजनों ने डॉक्टर को दिखाया। डॉक्टर ने जांच के लिए लिखा। ब्लड टेस्ट की रिपोर्ट दो बजे मिली, तबतक डॉक्टर चले गए थे। गंभीर हालत में परिजन वापस लेकर चले गए। शाम 4 बजे तक ओपीडी का लाभ ऐसे मरीजों को भी मिलेगा।
यह है स्तिथि
बता दें कि प्रतिदिन जिला अस्पताल में 700 से लेकर 900 मरीज उपचार के लिए पहुंचते हैं। कई की तो पर्ची नहीं कट पाती तो कई समय समाप्त होने के बाद लौट जाते हैं। शुक्रवार को 609 मरीज उपचार के लिए पहुंचे। वहीं गुरुवार को 716, बुधवार को 643, मंगलवार को 767, सोमवार को 894 मरीज उपचार के लिए पहुंचे।
आज से सुबह 9 से शाम 4 बजे तक खुलने थे अस्पताल
नागरिकों की सुविधा के लिये लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने जिले के सभी चिकित्सालय में चिकित्सक सुबह 9 से शाम 4 बजे तक ओपीडी में मरीजों का उपचार करेंगे। ओपीडी में होने वाला पंजीयन शाम 3.30 बजे तक किसी भी स्थिति में बंद नहीं किया जाएगा। चिकित्सालयों में अब खून-पेशाब की जांच एवं एक्स-रे की सुविधा के लिए पेथालॉजी लैब भी सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक खुली रहेंगी। जारी आदेश में चिकित्सालयों के समय का पुनर्निर्धारण करते हुए चिकित्सालयों में अन्य व्यवस्थाओं एवं उपचार आदि की प्रक्रिया से जुड़े मेडिकल स्टॉफ की ड्यूटी के संबंध में विस्तृत निर्देश दिए गए हैं। चिकित्सालय में सुबह 9 से शाम 4 बजे तक ओपीडी के समय में दोपहर 1.30 से 2.15 तक भोजन अवकाश रहेगा। सामान्य दिनों के साथ रविवार एवं अवकाश दिवसों में जिला एवं सिविल चिकित्सालयों में आपातकालीन ओपीडी 24 घंटे खुली रहेगी। सभी विशेषज्ञ और चिकित्सक सुबह 9 से 11 बजे तक अपने वार्डों में राउण्ड लेंगे। सप्ताह में यदि दो दिन का निरंतर शासकीय अवकाश होता है, तो उसमें से दूसरे अवकाश के दिन नियमित ओपीडी सुबह 9 से 11 बजे तक खुली रहेगी। चिकित्सालयों में निरंतर दो दिन नियमित ओपीडी बंद नहीं रहेगी।
यहां भी बदलाव
चिकित्सालयों में अन्त: रोगी विभाग सामान्य दिनों में वार्ड एवं पलंग के प्रभारी सभी चिकित्सक एवं विशेषज्ञ अपने-अपने वार्ड का राउण्ड इस प्रकार सुनिश्चित करेंगे कि ओपीडी सेवाएं प्रभावित नहीं हों। आपातकालीन सेवाएं जिला एवं सिविल चिकित्सालयों में चौबीस घंटे उपलब्ध रहेंगी। इन चिकित्सालयों में सुबह 8 से दोपहर 2 बजे, दोपहर 2 से रात्रि 8 बजे और रात्रि 8 से सुबह 8 बजे की तीन शिफ्ट रहेगी। इमरजेंसी में आने वाले किसी भी रोगी को भले ही वह छोटी बीमारी, लक्षण के उपचार के लिये आया हो जांच एवं उपचार करने से मना नहीं किया जाएगा।
जांच के लिए भी टाइम टेबल
अस्पतालों में जांच पैथोलॉजी, एक्स-रे एवं बॉयोकेमिकल विभाग भी सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक खुला रहेगा। फास्टिंग सेम्पल कलेक्शन के लिये लेब टेक्नीशियन सुबह 8 बजे से उपस्थित रहेगा। सुबह 11 बजे तक लिये गये सेम्पल की रिपोर्ट उसी दिन दोपहर एक बजे तक और पूर्वान्ह 11 से दोपहर 2 बजे के बीच लिये गये सेम्पल्स की रिपोर्ट उसी दिन दोपहर 3 से शाम 4 बजे तक दी जाएगी। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी आदेश में चिकित्सकों, विशेषज्ञों की ड्यूटी के संबंध में भी स्पष्ट एवं विस्तृत निर्देश दिये गये हैं, ताकि किसी मेडिकल एवं पैरामेडिकल स्टॉफ को परिवर्तित व्यवस्था से असुविधा नहीं हो।
ये बोले सिविल सर्जन
पूरे भारत में अभी इस तरह से कहीं पर नियम नहीं लागू है। एम्स, रेलवे सहित अन्य बड़े-बड़े अस्पतालों की टाइमिंग सुबह 8 से 1 बजे तक ही है। अस्पताल में पहले से ही चिकित्सकों की कमी है। उन्हीं डॉक्टरों से सुबह 8 से दोपहर 1 बजे तक लगातार ड्यूटी ली जाती है और फिर कॉल ड्यूटी भी चिकित्सक करते हैं। कटनी में तो और समस्या है। यहां पर पांच जिलों के मरीज पहुंचते हैं। फोकस चिकित्सकों सहित अन्य स्टॉफ की भर्ती पर भी होना चाहिए।
डॉ. एसके शर्मा, सिविल सर्जन।
पहले भी बना था नियम, ज्यादा दिन नहीं चला
पहल भी अस्पतालों की टाइमिंग बदलने का नियम लागू हुआ था। सन 1994-95 में नियम ज्यादा दिन तक नहीं चल पाया। इस नियम के चलते डॉक्टरों में असंतोष का माहौल बन गया था। इसमें डॉक्टर एक घंटे का लंच ले रहे थे और उन्होंने साफ कह दिया था कि इमरजेंसी सेवाएं नहीं देखेंगे। ऐसे में स्वास्थ्य सुविधाओं पर प्रभाव पड़ा था। इसको लेकर फिर निर्णय वापस हो गया था। हालांकि अभी तो सरकार ने सुझाव रखा है। अभी कोई आदेश नहीं मिले।
डॉ. एसके निगम, सीएमएचओ।