बतादें कि जिला अस्पताल में सिविल सर्जन डॉ. एसके शर्मा के सेवानिवृत्त होने के बाद 30 मई को सिविल सर्जन का प्रभार डॉ. यशवंत वर्मा को दिया गया। जानकारों का कहना है कि सिविल सर्जन प्रभार को लेकर साल 2003 में प्रदेश सरकार के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव रहीं अलका सिहोरी ने एक आदेश जारी किया था। जिसमें कहा गया है कि सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक का प्रभार जिला अस्पताल में पदस्थ वरिष्ठतम विशेषज्ञ को ही दिया जाएगा। वरिष्ठता क्रम शारीरिक विकलांगता के कारण वरिष्ठतम चिकित्सक उक्त पद पर कार्य करने की स्थिति में न होने, सेवानिवृत्ति में एक या दो माह का समय बचा होने, गंभीर आरोपो पर से डॉक्टर के विरूद्ध विभागीय जांच व आपराधिक प्रकरण प्रचलित होने पर ही वरिष्ठतम डॉक्टर को ही दिया जाएगा।
दूसरी ओर जिला अस्पताल में वरिष्ठता क्रम में एक या दो नहीं बल्कि सात लोगों को छोड़कर आठवें क्रम के चिकित्सक को प्रभार दिया गया। इधर इस पूरे मामले को लेकर कलेक्टर एसबी सिंह कहना है कि कोरोना संक्रमण से बचाव में डॉ. यशवंत वर्मा के अच्छे काम को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है। दूसरी ओर जिला प्रशासन के इस निर्णय के बाद वरिष्ठता क्रम के दूसरे चिकित्सकों में असंतोष पनपने की बात कही जा रही है।