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नगर निगम से गायब हो गईं भवन अनुज्ञा शाखा की कई नस्तियां, लाखों रुपये का है घालमेल

locationकटनीPublished: Feb 24, 2021 10:02:21 pm

Submitted by:

balmeek pandey

अनुज्ञा विकास शुल्क के नाम पर हुई है बड़ी अनियमितता, जांच से खुल सकता है बड़ा भ्रष्टाचार, नगर निगम आयुक्त ने तीन को जारी किया नोटिस

katni nagar nigam

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कटनी. नगर निगम इन दिनों भ्रष्टाचार, व्यापक गड़बड़ी का पर्याय बनता जा रहा है। एक के बाद से सनसनीखेज मामले सामने आ रहे हैं। सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत चाही गई एक जानकारी के बाद से नगर निगम में हड़कंप मच गया है। इस मामले में आयुक्त सत्येंद्र सिंह धाकरे ने नगर निगम के समयपाल रामसेवक बर्मन, पंकज निगम व सेवानिवृत्त कर्मचारी रामपाल पटेल को नोटिस जारी कर नस्ती उपलब्ध कराने कहा है। दरअसर मामला 2000-2005 से लेकर 2010 तक व उसके बाद की भी अनुज्ञा विभाग की नस्तियों के न मिलने का है। बता दें कि पहले भवन अनुज्ञा शुल्क किश्तों में जमा होना था। जैसे कि यदि किसी की शुल्क 50 हजार रुपये बनती थी 10 हजार रुपये नकद जमा कराकर आवेदक से 40 हजार रुपये का चैक ले लिया जाता रहा है। एडवांस चैक का समय पर भुगतान होना चाहिए था, सूत्रों की मानें तक अभी तक उन चैकों को भंजाया नहीं गया। बताया जा रहा है कि भवन अनुज्ञा शाखा के तत्कालीन अधिकारी व कर्मचारी पार्टी के पास जाकर सांठगांठ करते हुए नकद ले लिए और अनुज्ञा विकास शुल्क में भारी अनियमितता हुई है। अनुज्ञा विभाग से नक्शा पास कराने के लिए लोगों द्वारा भवन अनुज्ञा ली गई है, जिसमें लाखों के वारे-न्यारे हुए हैं। बता दें कि इन दिनों भवन अनुज्ञान अधिकारी कार्यपालन यंत्री राकेश शर्मा, सहायक यंत्री जागेंद सिंह देख रहे हैं। वहीं उपंयत्रियों को भी फाइलें संधारित रखनी है, लेकिन कई रिकॉर्ड गायब हैं, जिससे नगर निगम में हड़कंप मच गया है।

इन फाइलों के गायब होने पर नोटिस
नगर निगम आयुक्त सत्येंद्र धाकरे ने पत्र क्रमांक 5256 में जारी नोटिस के अनुसार अनुज्ञा क्रमांक 23बी 24 अगस्त 2010, अनुज्ञा क्रमांक 50 बी 10 मई 2006, अनुज्ञा क्रमांक 224बी 2 जुलाई 2009 से संबंधित नस्ती के अभिलेख नहीं मिल पा रहे हैं। इसमें कर्मचारियों को कहा गया है कि तत्कालीन समय पर यहां पदस्थ थे। अनुज्ञा शाखा से ट्रांसफर होने पर विधिवत चार्ज नहीं सौंपा है। रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं होने से अभिलेख संकलित नहीं हो पा रहे।

उजागर हो सकता है बड़ा भ्रष्टाचार
इस मामले में नगर निगम के सूत्रों का कहना है कि भवन अनुज्ञा शाखा की कारगुजारी की जांच हो तो बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हो सकता है। पूर्व में ऐसे चार नहीं बल्कि सैकड़ों ऐसे मामले हैं, जिनमें भवन अनुज्ञा शुल्क के चैक जमा हुए हैं, लेकिन वे कैश नहीं कराए गए। सांठगांव के चलते पूर्व के कुछ अधिकारियों ने जमकर नगर निगम को चूना लगाया है।

इनका कहना है
इस मामले में नगर निगम के दो कर्मचारियों को व एक सेवानिवृत्त कर्मचारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है। भवन अनुज्ञा शाखा की कुछ फाइलों के न मिलने का मामला है। जवाब के बाद आगे की कार्रवाई होगी और सभी फाइलों को सुरक्षित कराया जाएगा। मामले की भी जांच कराई जाएगी।
सत्येंद्र धाकरे, आयुक्त नगर निगम।

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