दरअसल इन रसूखदारों की यही मंशा होती है कि उनके कोरोना पॉजिटिव होने की जानकारी दूसरे लोगों को पता नहीं चले। जिससे व्यापारिक, सामाजिक व राजनैतिक नुकसान से बचा जा सके। लेकिन, ऐसे पॉजिटिव मरीजों के घर और आसपास का क्षेत्र कंटेनमेंट जोन घोषित नहीं होने से परिवार के दूसरे सदस्य खुलेआम व्यापार से लेकर दूसरे कार्य कर रहे हैं। इस बीच पड़ोसी व अन्य लोगों को इस बात की जानकारी नहीं होने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है।
सीएमएचओ डॉ. आरबी सिंह बताते हैं कि कोरोना संक्रमितों की जानकारी डॉ. राशि गुप्ता अपडेट करतीं हैं। पता करवाते हैं उनके द्वारा ऐसे लोगों के नाम क्यों जारी नहीं की जा रही है। सीएमएचओ बताते हैं कि दूसरे राज्यों से जानकारी नहीं आ रही है। प्रदेश के शहरों से आने वाली जानकारी अपडेट करवाएंगे।
वहीं अपर कलेक्टर जगदीश चंद्र गोमे का कहना है कि दूसरे शहरों में इलाज करवाने वालों का घर और आसपास का क्षेत्र कंटेनमेंट जोन घोषित होना चाहिए। जिससे पड़ोसी व संपर्क के लोग अलर्ट रह सकें। अगर ऐसा नहीं हो रहा है तो यह गंभीर बात है। उन्होंने बताया कि सीएमएचओ, सीएस और स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों से जानकारी लेकर व्यवस्था सुधारी जाएगी।
डेढ़ सौ से ज्यादा लोग बाहर शहरों में करवा रहे इलाज, स्वास्थ्य विभाग की जानकारी में तीन से नहीं बढ़ी संख्या
शहर से बाहर जाकर इलाज करवाने वालों की जानकारी जारी करने में स्वास्थ्य विभाग की बेपरवाही ऐसी है कि तीन दिन से सूची में एक भी संख्या नहीं बढ़ी, कोरोना प्रारंभ होने से लेकर अब तक की कुल संख्या 78 पर अटकी हुई है। शहर के नागरिक बताते हैं कि शहर से करीब डेढ़ सौ से ज्यादा लोग ऐसे हैं जो दूसरे शहरों में जाकर इलाज करवा रहे हैं।