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मजदूरों की विवशता: महाराष्ट्र से इलाहाबाद तक के ट्रक चालक ने वसूले 2 लाख 40 हजार रुपये, देखें वीडियो

locationकटनीPublished: May 15, 2020 09:16:07 pm

Submitted by:

balmeek pandey

कोरोना वायरस महामारी के चलते मजदूरों की पीड़ा लगातार बढ़ती जा रही है। मजदूर किसी तरह अपने घर वापसी में लगा हुआ है। कोई नंगे पैर सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर रहा है तो कोई साइकिल व अन्य वाहनों से। ट्रक व लोडर चालक मजदूर को जमकर लूट रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे।

Driver is charging more fare in lockdown

Driver is charging more fare in lockdown

कटनी. कोरोना वायरस महामारी के चलते मजदूरों की पीड़ा लगातार बढ़ती जा रही है। मजदूर किसी तरह अपने घर वापसी में लगा हुआ है। कोई नंगे पैर सैकड़ों किलोमीटर का सफर तय कर रहा है तो कोई साइकिल व अन्य वाहनों से। ट्रक व लोडर चालक मजदूर को जमकर लूट रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को सामने आया। महाराष्ट्र से मजदूर ट्रक में कटनी पहुंचे। मजदूरों ने पीरबाबा बायपास के समीप बताया कि 4 से 5 हजार रुपये प्रति व्यक्ति किराया वसूल किया गया है। रतिराम पटेल और जगदीश साहू निवासी इलाहाबाद ने बताया कि महाराष्ट्र से ट्रक में 60 लोग आए हैं। प्रत्येक यात्री से 4 हजार रुपये ट्रक चालक ने लिए हैं। महाराष्ट्र में वे भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। पैसे देने के बाद ही वह उन्हें वाहन में बैठाया है। यह हालत कई वाहनों में देखी जा रही है। हैरानी की बात तो यह है कि वाहनों में ट्रकों में भेड़-बकरियों की तरह मजदूरों को बैठाया जा रहा है। वाहन के ऊपर तक केबिन में मजदूरों को बैठा रहे हैं जिससे उनकी जान भी जोखिम में पड़ रही है। बता दें कि महाराष्ट्र, राजस्थान, गुजरात सहित अन्य प्रदेशों में फैक्ट्रियां बंद होने, फैक्ट्री संचालकों द्वारा मजदूरी ना दिए जाने के कारण प्रदेश में उत्पन्न हुई भरण पोषण की समस्या के चलते मजदूर किसी तरह घर वापसी कर रहे हैं। इस दौरान उन्हें लूट का भी शिकार होना पड़ रहा है।

बिहार भेजे गए 70 प्रवासी मजदूर
बरही में लॉकडाउन में फंसे बिहार के 70 प्रवासी मजदूरों को स्पेशल बस से क्षेत्रीय विधायक संजय पाठक द्वारा रवाना किया गया। बिहार प्रवासी मजदूरों को उनके गृह निवास भेजने में लालजी मिश्रा, पीयूष अग्रवाल, पीडी ताम्रकार आदि का योगदान रहा। यहां पर फंसे 22 परिवार के 70 लोगों को भोजन-पानी और रहने की व्यवस्था इन्हीं बरही के समाज सेवियों की रही। ये मजदूर बरही में शहद निकालकर गांव में बेचकर अपना व अपने बच्चों का जीवन यापन करते थे। बस से रवाना करने के पहले बरही तहसीलदार सच्चिदानंद त्रिपाठी व डॉक्टरों के द्वारा जांच की गई।

बाहर से आए युवक नहीं होम क्वॉरंटीन
बरही तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत उबरा में सचिव और रोजगार सहायक की बेपरवाही के कारण बाहर से आए मजदूर व युवक मनमानी कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि पिछले एक पखवाड़े से लगातार मजदूर गुजरात, महाराष्ट्र सहित अन्य प्रांतों से पहुंच रहे हैं। इन्हें 14 दिनों के लिए घर व सरकारी भवन में क्वॉरंटीन किया जाना चाहिए। कई युवक होम क्वॉरंटीन नियमों का भी पालन नहीं कर रहे। गांव में घुमते हैं, जिससे ग्रामीणों को संक्रमण का खतरा बना रहता है।

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