यात्री गाड़ी से उतरकर बैठे मालगाड़ी में
रेल अधिकारियों ने बताया कि डीआरएम चौपन में मीटिंग करने के बाद एक यात्री गाड़ी से अधिकारियों के साथ ब्यौहारी तक पहुंचे। यहां पर ट्रेन से उतरकर एक गुड्स ट्रेन में बैठकर कटनी की ओर बढ़ गए। डीआरएम ने छतहनी और विजयसोता के बीच 3-4 किलोमीटर पैदल चलकर ट्रैक को बारीकी से देखा। इस दौरान उन्होंने ट्रैक में गैप, पत्थर के टुकड़े, मात्रा व स्टैंडर्ड, बैल्डिंग ठीक से है कि नहीं आदि की जांच की। पेट्रोलिंग मैन की तरह ट्रैक की हर बारीकी को परखा। डीआरएम ने विजयसोता, छतहनी, दमोह, महरोई, खन्ना बंजारी, पिपरिया, सल्हना, लखाखेरा, कटंगीखुर्द, एनकेजे तक के ट्रैक और चल रहे थर्ड लाइन के काम को देखा।
जाना क्यों आ रही समस्या
एरिया मैनेजर नीरीश राजपूत ने बताया कि सर्दियों में ट्रेनों के पॉवर प्रेशर ठीक से नहीं बनता। इसलिए पॉवर का एयर फ्लो धीमा होने से ब्रेक लगने या छोडऩे में समस्या होने लगती है। इस समस्या से कैसे निपटा जाए इसको जानने के लिए वे गुड्स ट्रेन के इंजिन में बैठकर जांच की। रात में 11 बजे कटनी पहुंचे और यहां से ट्रेन क्रमांक 15018 काशी एक्सप्रेस से जबलपुर के लिए रवाना हो गए। इस दौरान सीनियर डीओएम विश्वरंजन, सीनियर डीसीएम आनंद कुमार, एरिया मैनेजर नीरीश राजपूत सहित स्टेशन में स्टेशन मास्टर संजय दुबे सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।