डिप्टीरेंजर पर कार चढ़ाकर भागा चालक, टूटा पैर, हालत गंभीर, कार भी आगे जाकर पलटी, सामने आया ये मामला
तीन घंटे तक बाधित रहा ट्रैक
इस हादसे के बाद रेलवे की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हुए। कपलर के टूट जाने के बाद ट्रेन को रवाना करने में रेलवे को तीन घंटे का समय लग गया। 9 बजकर 24 मिनट में हुए हादसे के बाद अधिकारियों को खबर मिली, मौके पर पहुंचे। एनकेजे से राहत ट्रेन बुलाई गई, लेकिन इसका उपयोग नहीं हुआ। निवार में खड़ी गुड्स ट्रेन के पॉवर को लाकर मुड़वारा तक ट्रेन लाई गई और फिर मेल-एक्सप्रेस का पॉवर लगाकर रवाना किया गया।
खास-खास:
– हादसे की जांच के लिए गठित की गई टीम, टीआइ, एलआइ, सीडब्ल्यूआइ मैकेनिकल सहित अन्य अधिकारी टीम में शामिल।
– हादसे के चलते बाधित रहा ट्रैक, ट्रेन क्रमांक 15206, 20827, 12854, 12165, जेवीपीएन गुड्स ट्रेन रहीं प्रभावित।
– 18 माह में ओवरहॉलिंग पॉवर की जरूरी, हालांकि ओवरड्यू नहीं था पॉवर, फिर भी हो गया हादसा।
– तुगलकाबाद शेड का था इंजन, इंजन में खराबी के कारण हुआ हादसा, जांच में होगा फाल्ट का खुलासा।
यात्रियों ने बयां किया दर्द
यात्री राम सिंह ने कहा कि रेलवे की बहुत बड़ी चूक थी। इससे डिब्बे पलट सकते थे। कई लोगों की जान जा सकती थी। इस फाल्ट को सुधारने रेलवे को तीन घंटे का समय लग गया। जंगल में यात्री परेशान हुए। पानी आदि के लिए भी परेशान हुए। जबलपुर से कटनी आ रहे यात्री अवधेश यादव ने कहा कि जबलपुर से ट्रेन के चलने के दौरान जांच नहीं की गई और हादसा हो गया। साढ़े नौ बजे से साढ़े 12 बजे तक यात्री परेशान हुए। यात्री मुकेश गुप्ता ने कहा कि लगातार हादसे हो रहे हैं। रेलवे की बड़ी बेपरवाही है। पूरे यात्रियों की जान सूख गई थी। यात्रियों ने कहा कि इस तरह की घटनाएं न हो, रेल अफसरों को ध्यान रखना चाहिए।
इनका कहना है
यह हादसा कैसे हुआ इसकी जांच शुरू कराई गई है। लोकोमोटिव इंजन में कैसे फाल्ट आया, किस स्तर पर गड़बड़ी की गई यह जांच के बाद पता चलेगा। जांच में जो दोषी पाया जाएगा उस पर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. मनोज सिंह, डीआरएम, पमरे।