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ज्ञान सेतू से पढ़ाई के लिए 172 स्कूलों ने लाखों रुपये खर्च कर खरीदे प्रोजेक्टर टीवी व साउंड, अब खा रहे धूल

locationकटनीPublished: Sep 05, 2018 11:10:51 am

Submitted by:

dharmendra pandey

हर दिन की जगह एक दिन लग रहीं क्लास, बंद होने की कगार पर पहुंची शिक्षा के स्तर में सुधार लाने शुरू की गई जिला प्रशासन की योजना
 

school

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कटनी. जिले में ज्ञान सेतू योजना से पढ़ाई के लिए 172स्कूलों में लाखों रुपये खर्च कर खरीदें गए टीवी, प्रोजेक्टर व साउंड अब धूल खा रहे हैं। इसकी मुख्य वजह यह है कि स्कूलों में बेहतर पढ़ाई को लेकर जिला प्रशासन द्वारा शुरू की गई ज्ञान सेतू योजना बंद होने की कगार पर पहुंच गई है। योजना को सुचारू रूप से चलाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों द्वारा लापरवाही बरती जा रही।

जिले के सरकारी हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों में शिक्षकों की कमीं बनीं हुई है। बोर्ड परीक्षा में जिले के परीक्षा परिणाम में गिरावट हो रहीं थी। शिक्षकों की कमीं से पढ़ाई प्रभावित न हो और परीक्षा परिणाम में सुधार आए, इसके लिए साल 2017 में जून माह में जिले केे तत्कालीन कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने ज्ञान सेतू योजना की शुरुआत की। एसीसी स्कूल कैमोर से अंग्रेजी, गणित व विज्ञान विषय के शिक्षकों से सिलेबस तैयार कराया। जिलेभर की कक्षा 9वीं से 12वीं तक की स्कूलों में हार्डडिस्क व सीडी के माध्यम से उपलब्ध कराई थीं।
हर स्कूल ने खर्च किए 50हजार से अधिक रुपये
ज्ञान सेतु योजना के माध्यम से स्कूलों में पढ़ाई के लिए टीवी व प्रोजेक्टर नहीं थे। ऐसे में पढ़ाई हो पाना संभव नहीं थी। जिसके बाद जिलेभर की समस्त हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूलों ने 50हजार रुपये से अधिक की राशि खर्च कर एलइडी टीवी, प्रोजेक्टर व साउंड बाक्स खरीदे गए थे। योजना से कक्षा 9वीं से 12वीं तक 50 हजार से अधिक बच्चों को लाभ मिल रहा था।

प्रतिदिन लगानी है क्लास, एक दिन हो रही पढ़ाई
जिले के सरकारी स्कूलों में हर दिन ज्ञान सेतू की क्लास लगानी थी, लेकिन अफसरों की उदासीनता के कारण सप्ताह में सिर्फ एक ही दिन पढ़ाई हो रही है। इससे पहले पूर्व कलेक्टर के समय लगातार कक्षाएं संचालित हो रही थी। इस शिक्षण सत्र में अब तक नियमित रूप से कक्षाएं शुरू नहीं हो सकी।


प्राचार्यों को लगवानी है कक्षाएं
जिन स्कूलों में शिक्षकों की कमीं बनी हुई है, उनमें नियमित रूप से ज्ञान सेतू योजना के माध्यम से पढ़ाई करानी है। यदि नियमित रूप से पढ़ाई नहीं हो पा रहीं तो जांच की जाएगी।
प्रशांत चंपुरिया, प्रभारी, ज्ञान सेतू योजना।
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