प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के वैज्ञानिक डॉ. आलोक जैन ने बताया कि कटनी शहर में वायु प्रदूषण के लिये धूल का प्रदूषण 70 प्रतिशत तक जिम्मेदार है। शहर में एक्यूआई मापक यंत्र नगर निगम कार्यालय में स्थापित है। प्रदूषण के मानकों के अनुसार 200 एक्यूआई मॉडरेट की श्रेणी मानी जाती है। लेकिन इससे ऊपर पुअर की श्रेणी होती है। कटनी शहर की परिवेशीय वायु की गुणवत्ता 300 औसतन है। इसे कम करने सड़कों एवं वातावरण के धूल प्रदूषण को नियंत्रित करने की जरुरत है।
आयुक्त नगर निगम सतेन्द्र धाकरे ने बताया कि शहर के चौराहों, डिवाईडरों एवं मुख्य सड़कों के किनारे पर धूल प्रदूषण रोकने पानी का छिड़काव किया जा रहा है। सड़क किनारे या निर्माण स्थल पर गिट्टी, रेत, मिट्टी या अन्य निर्माण सामग्री को खुला संग्रहित करने पर भी प्रतिबंध लगाया जायेगा और नागरिकों से भी अपील की जायेगी। बिल्डिंग मटेरियल को खुला छोडऩे, कार्यस्थल पर प्रदूषण करने पर जुर्माने का भी प्रावधान किया जायेगा।
कलेक्टर एसबी सिंह ने बताया कि सम्पूर्ण जिले में निषेधाज्ञा आदेश जारी कर खेतों के अवशेष, नरवाई इत्यादि जलाने पर सख्त प्रतिबंध लगाया गया है। उन्होंने उल्लंघन पर जुर्माने की कार्रवाई के निर्देश दिए। कहा कि शहर के आस-पास की खदानों में प्रदूषण नियंत्रण और सुरक्षा के मानदण्डों का सख्ती से पालन करायें।
प्रदूषण नियंत्रण के अधिकारी औद्योगिक क्षेत्रों में भी प्रदूषण नियंत्रण पर सतत् निगाह रखें। कलेक्टर ने कहा कि शहर के व्यवसायिकों और दुकानदारों को प्रोत्साहित करें कि वे अपने प्रतिष्ठान के सड़क किनारे के खुले भाग पर हरितिमा का विकास करें और धूल प्रदूषण नहीं होने दें।