script‘विशेषÓ के नवाचारों पर लगा ‘ग्रहणÓ | 'Eclipse' on innovations of 'special' | Patrika News

‘विशेषÓ के नवाचारों पर लगा ‘ग्रहणÓ

locationकटनीPublished: Nov 01, 2018 10:58:04 am

Submitted by:

dharmendra pandey

अस्पताल, छात्रावास, नियमित रूप से कर्मचारियों दफ्तर पहुंचे व बच्चों को, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराने शुरू किया था नवाचार, तबादला होते ही अधिकांश योजनाएं हुई बंद
 

Collector, negligence,

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कटनी. प्रदेशभर में नवाचार के नाम से पहचान बनाने वाले जिले के पूर्व कलेक्टर विशेष गढ़पाले द्वारा स्थानीय स्तर पर किए गए नवाचारों में जिले में लापरवाही का ‘ग्रहण लग गया है। तबादला होते ही अधिकांश नवाचार वर्तमान समय में बंद हो गए है। एकाध योजनाएं ही ऐसी है जो चालू है, लेकिन इनकी सही तरीके से मॉनिटरिंग भी नहीं पा रही है। इससे आमजन को मिलने वाली सुविधाओं से महरूम होना पड़ रहा है।

जिला अस्पताल से गायब पूछताछ केंद्र:
जिला अस्पताल में दूर दराज से आए मरीजों को वार्ड, डॉक्टर सहित अन्य विषयों की जानकारी के लिए परेशान न होना पड़ा। आसानी से उन्हें कोई भी जानकारी मिल जाए। इसके लिए उन्होंने जिला अस्पताल में हेल्प डेस्क पूछताछ कांउटर खुलवाया। खुलने के कुछ दिन तक तो कर्मचारी बैठते रहे। इस बीच अचानक तबादला हो गया। अब जिला अस्पताल में पूछताछ काउंटर का बैनर तो लगा है, लेकिन बैठने वाले कर्मचारी गायब रहते है। लोगों को परेशान होना पड़ता है।

-एसडीएम व तहसीलदार की हर दिन अस्पताल निरीक्षण में लगाई थी ड्यूटी:
जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों को बेहतर भोजन व अन्य दूसरी सुविधाएं मिल रही है या नही। इसके लिए जिले के पर्वू कलेक्टर ने एसडीएम व तहसीलदार की निरीक्षण करने की ड्यूटी लगाई थी। हर दिन सुबह व शाम एसडीएम व तहसीलदार को जिला अस्पताल पहुंचकर निरीक्षण करना था। इसकी जानकारी कलेक्टर को देनी थी। वर्तमान समय में यह नवाचार भी बंद हो गया है। पिछले दो तीन माह से न तो एसडीएम जिला अस्पताल निरीक्षण पर आए न ही तहसीलदार को समय मिला। जिससे जिला अस्पताल के अधिकारियों के मन से कार्रवाई का डर समाप्त हो गया और फिर से अस्पताल पुराने ढरऱ्ें पर लौट आया।

-भारत निर्माण कोचिंग-2
हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल के बच्चों को इंजीनियरिंग व मेडिकल की पढ़ाई के लिए शहर में ही अच्छी कोचिंग की सुविधा मिले। इसके लिए शासकीय उत्कृष्ट विद्यालय माधवनगर में भारत निर्माण-2 कोचिंग की शुरुआत की। कुछ दिन तक तो यह कोचिंग बेहतर ढंग से संचालित हुई। इंजीनियरिंग व मेडिकल के लिए होने वाली प्री-परीक्षा में छात्रों का चयन हुआ है। इसके बाद यह योजना भी बंद हो गई।

-छापामार कार्रवाई गई ठंडे बस्ते में:
छात्रावास हो या राशन दुकान। इन दफ्तरों की समस्याएं का भी पता चल सके, इसके लिए जिलेभर के अफसरों को एक साथ किसी भी दफ्तर में जाकर छापा मारना था। पूर्व कलेक्टर द्वारा शुरू की गई, इस गतिविधि से छात्रावास व राशन दुकानों की व्यवस्थाओं में सुधार होना शुरू हो गया था। अब वर्तमान समय में यह योजना भी ठंडे बस्ते में चली गई।

-ज्ञान सेतू:

जिले के स्कूलों में शिक्षकों की कमीं बनी हुई है। ऐसे में छात्रों की पढ़ाई पर असर पड़ रहा था। जिले के परीक्षा परिणाम में भी गिरावट आ रही थी। जिसके बाद पूर्व कलेक्टर विशेष गढ़पाले ने ज्ञान सेतू योजना की शुरुआत की। स्कूलों में टीवी व प्रोजेक्टर के माध्यम से पढ़ाई शुरू हुई। जिले में एक साल तो यह योजना भी बेहतर तरीके से संचालित हुई। अब यह योजना कुछ ही स्कूलों में चालू होकर रह गई है।

इनका कहना है
उत्कृष्ट विद्यालय माधवनगर में भारत निर्माण कोचिंग का संचालन खनिज प्रतिष्ठान मद से किया जाता था। अक्टूबर माह से बंद हो गई। फिर भी इसे चालू कराने प्रयास किया जाएगा। जिला अस्पताल का निरीक्षण हो रहा है। अन्य विभागों का औचक निरीक्षण कर व्यवस्था सुधार के लिए प्रयास किए जाएंगे।
केवीएस चौधरी, कलेक्टर।

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