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सीएससी के जरिये होगी सातवीं आर्थिक जनगणना, लाखों ग्रामीण उद्यमियों को मिलेगा जिम्मा

locationकटनीPublished: Jan 20, 2019 06:09:04 pm

Submitted by:

balmeek pandey

कॉमन सर्विस सेंटर के जरिये होगी आर्थिक जनगणना

Economic Census through Common Service Center

Economic Census through Common Service Center

कटनी. जिले में सातवीं आर्थिक जनगणना के लिए तैयार शुरू हो गई है। खास बात यह है कि इस बार की जनगणना डिजिटली होगी, जिससे मौके पर ही इसकी फीडिंग हो जायेगी और उसकी मॉनीटरिंग भी प्रॉपर तरीके से हो सकेगी। रिपोर्ट गांव से लेकर तहसील, जिला, संभाग, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर देखी जा सकेगी। जगणना में किसी प्रकार की लापरवाही न हो इसकी विशेष मॉनीटरिंग होगी। जिले में इस साल होने वाली सातवीं आर्थिक गणना के आंकड़े जुटाने का काम कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के संचालक करेंगे। सरकार ने देश भर में साढ़े तीन लाख से अधिक संचालित सीएससी के माध्यम से परोक्ष रूप से 15 लाख उद्यमियों के जरिये गणना का बुनियादी ढांचा तैयार करने की कवायद शुरू कर दी है। सांख्यिकी व कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय ने विगत दिनों सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत सीएससी इ-गवर्नेंस के साथ करार किया है। सीएससी से करार के बाद मंत्रालय न केवल देशभर का डेटा कम समय मे एकत्र कर पायेगा बल्कि सी एस सी राष्ट्रीय असेट के तौर पर भी तैयार होगा, कार्यशाला में हिस्सा लेते हुए सीएससी-सीइओ ने कहा की ग्रामीण उद्यमियों की क्षमता असीमित है। इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि कुछ महीनों में सीएससी ने आयुष्मान भारत के तहत 14 राज्यों में एक करोड़ से अधिक लोगो का पंजीयन किया है।

पहली बार पेपरलेस सर्वे
सीएससी के नेटवर्क से पहली बार पेपरलेस आर्थिक आंकड़े जुटाये जाएंगे। इससे सर्वे का काम महज छह माह में ही पूरा किया जा सकेगा। जिसमे अभी तक अधिक समय लगता था, डेटा जुटाने की प्रक्रिया आसान हो जाने से भविष्य में यह सर्वे हर दो वर्षों में भी किया जा सकता है जो अभी 10 साल में किया जाता है।

इनका कहना है
योजना के तहत जिले में भी इस कार्य की तैयारी प्रारम्भ कर दी गई है। इसमें प्रत्येक सीएससी पर पांच गणनाकारों की तैनाती की जाएगी। जिन्हें सीएससी की ओर से आर्थिक सर्वे के लिए प्रशिक्षित और पंजीकृत किया जाएगा।
उपेंद्र त्रिपाठी, जिला प्रबंधक सीएससीइ गवर्नेंस।

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