यह है शिक्षकों की स्थिति
बता दें कि तीनों ही विद्यालयों में शिक्षकों की स्थिति न के बराबर है। केसीसी उमा विद्यालय में 4 नियमित शिक्षक, दो संविदा शिक्षक, बाल मंदिर शिक्षिका 2 व आउटसोर्स से अतिथि शिक्षक 3 हैं। इसी तरह ए रविंद्रराव उमा विद्यालय में नियमित शिक्षक संविदा शिक्षक मात्र दो, 4 आउटसोर्स से अतिथि शिक्षक हैं। साधूराम उमा विद्यालय में नियमित 3, संविदा शिक्षक एक, बालमंदिर में शिक्षिका 2 व तीन अतिथि शिक्षक के भरोसे पढ़ाई चल रही है।
खास-खास
& तीनों स्कूलों में हैं मात्र 7 नियमित शिक्षक, डाइंग केडर के पदों में रखा गया है शिक्षकों को, सेवानिवृत्ति के कारण समाप्त हो रहे पद, नए पदों पर नहीं हो पा रही है भर्ती, शैक्षणिक कार्य हो रहा प्रभावित।
& साधूराम स्कूल के प्राचार्य ने कहा है कि कोविड के कारण संख्या में आई है गिरावट, वैक्सीनेशन के बाद बढ़ेगी संख्या, संविलियन उचित नहीं होगा व हस्तांतरण अधिकारी अपने विवेकानुसार लें निर्णय।
& प्रभारी प्राचार्य ए रविंद्र राव ने कहा है कि शाला संचालन के लिए डाइस कोड अनिवार्य है, वह शासन स्तर पर होता है, संविलियन उचित नहीं है, शासन से अनुमति के बाद तीनों स्कूलों के हस्तांतरण पर जताई है सहमति।
& प्राचार्य केसीएस स्कूल में शिक्षकों की कमी को देखते हए तीनों शालाओं को शिक्षा विभाग को हस्तांतरित करने पर जताई है सहमति, शासन से अनुमति के बाद आगे का लें निर्णय।
यह है स्कूलों में छात्रों की स्थिति
स्कूल केसीएस उमा विद्यालय
कक्षा संख्या
नवमीं 92
दसवीं 56
ग्यारहवीं 124
बारहवीं 72
ए रविंद्रराव उमा विद्यालय
नवमीं 17
दसवीं 15
ग्यारहवीं 24
बारहवीं 09
साधूराम उमा विद्यालय
नवमीं 45
दसवीं 26
ग्यारहवीं 26
बारहवीं 11
स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती हो नहीं रही है, प्रावधान भी नहीं है, दर्ज संख्या लगातार गिर रही है, ऐसे में स्कूलों के संचालन में कठिनाई जा रही है। इसको लेकर विभाग व शासन को प्रस्ताव स्कूलों के संविलियन या फिर शिक्षा विभाग को सौंपने भेजा गया है।
सत्येंद्र सिंह धाकरे, आयुक्त नगर निगम