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Education : स्टडी में एकाग्रता से ही स्टूडेंट्स होंगे सक्सेस

locationकटनीPublished: Dec 01, 2019 11:31:33 pm

स्टडी में बच्चों को न बनाएं टेक्नोसेवी, ध्यान केंद्रित कराने करें फोकस

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कटनी। अक्सर आपने अभिभावकों को यह कहते सुना होगा कि हमारे बच्चे का पढ़ाई में मन नहीं लगता, वह किसी एक जगह पर एकाग्र नहीं रह सकता। आमतौर पर बच्चे स्वाभाविक रूप से ऊर्जावान और चंचल होते हैं, ऐसे में उनसे पूरी तरह ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद की भी नहीं जा सकती। बेशक बच्चों से पूरी तरह एकाग्र रहने की उम्मीद नहीं की जा सकती, लेकिन शिक्षा के क्षेत्र में बच्चों को सफलता हासिल करने के लिए एकाग्र रहना बहुत जरूरी भी है। लम्बे समय के लिए ध्यान केंद्रित कर पाना एक ऐसा कौशल है जिसका लाभ बच्चों को उनकी शिक्षा और दिमाग विकसित करने में प्राप्त होता है। कोई भी लक्ष्य प्राप्त करने के लिए और जीवन में सफल होने के लिए एकाग्रता बेहद जरुरी है। मस्तिष्क की शक्तियां सूर्य की किरणों के समान है, जब वह केंद्रित होती है तो चमक उठती हैं। स्वामी विवेकानंद के ये वाक्य विद्यार्थियों को भाग्य को बदल सकते हैं। इसलिए बच्चों को स्टडी में एकाग्रता आवश्यक है। शिक्षक जुगल किशोर चौरसिया के अनुसार एकाग्रता (एक अग्रता) का अर्थ है किसी उद्देश्य की प्राप्ति के लिये अन्य बातों पर ध्यान न लगाते हुए एक ही चीज पर ध्यान केन्द्रित करना यानी अपने मन और मस्तिष्क को एक ही जगह पर रखना करना। ऐसी स्थिति में सफलता आपके कदम अवश्य चूमती है।

बच्चों में क्यों होती है एकाग्रता की कमी
शिक्षक सरमन तिवारी के अनुसार हर चीज की अति बुरी होती है। बच्चों की मासूमियत और चंचलता हम सभी को लुभाती है, लेकिन जब यह उनकी एकाग्रता और पढाई में बाधा बन जाए तो यह मुश्किल पैदा कर सकती है। बच्चों का सबसे बड़ा दुश्मन है आज का टेक्नोसेवी युग। आधुनिक उपकरण जैसे टीवी, मोबाइल, वीडियो गेम्स, आदि जो बच्चों के मानसिक दिमाग के विकास को रोककर उन्हें एकाग्र होने में असक्षम बनाते हैं। नींद की कमी से शरीर में थकान का स्तर बढ़ता है और बच्चे का एनर्जी लेवल कम हो जाता है। परिणामस्वरूप बच्चे ध्यान केंद्रित करने में सक्षम नहीं हो पाते हैं और उनका बच्चों का पढ़ाई में मन न लगना हाइपरएक्टिविटी डिजॉर्डर (एडीएचडी) भी हो सकता है। 70 प्रतिशत बच्चों में एकाग्रता की कमी का कारण नींद पूरी न होना है। किसी भी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का अनुभव होने पर बच्चे में एकाग्रता की कमी की आशंका बढ़ जाती है। बच्चे की अनियमित डाइट उसकी एकाग्रता को भंग कर सकती है और उससे कहीं भी ध्यान नहीं लगाने देती। रिसर्च के अनुसार, भूखे रहने से आपकी अल्पकालिक स्मृति और ध्यान प्रभावित होता है।

मन की एकाग्रता कैसे बढ़ाएं
नींद: ज्यादातर बच्चे एक अच्छी और बेहतर नौ घंटे की नींद के बाद चीजों पर अधिक ध्यान दे पाते हैं। इसलिए यह सुनिश्चित करें कि वो नींद जरूर पूरी करें।

न्यूट्रिशनल डाइट: पोषक तत्वों से भरपूर आहार बच्चों में ऊर्जा स्तर, एकाग्रता, कौशल, स्वास्थ्य और वजन के लिए जरुरी है। सुनिश्चित करें कि आपके बच्चे एक न्यूट्रिशनल डाइट लें।

व्यायाम: शैक्षिक विशेषज्ञों ने शारीरिक गतिविधि को बेहतर एकाग्रता के लिए जरुरी माना है।

प्रोत्साहन और पुरस्कार: प्रशंसा, नियमित प्रोत्साहन और पुरस्कार निश्चित रूप से आपके बच्चे की एकाग्रता को बढ़ाने में मदद करते हैं।

सही माहौल का चुनाव: आप जिस माहौल में काम करते है, वह एकाग्रता को बढ़ाने में काफी महत्वपूर्ण होता है। अच्छे माहौल में बच्चे एकाग्रता को हासिल कर सकते हैं।

टाइम प्लान बनाएं: अपने बच्चे की रोजाना की दिनचर्या बनाएं और समय भी निर्धारित करें।

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