scriptक्लीन पायलेट प्रोजेक्ट: ग्राम पंचायतें करेंगी बेहतर काम तो ऐसा फायदा तो मिलेगा ही | Eight Gram Panchayats will be working on solid and liquid waste manage | Patrika News

क्लीन पायलेट प्रोजेक्ट: ग्राम पंचायतें करेंगी बेहतर काम तो ऐसा फायदा तो मिलेगा ही

locationकटनीPublished: Jan 30, 2019 12:48:37 pm

Submitted by:

balmeek pandey

5 हजार से अधिक आबादी व एक लाख से अधिक स्वकर वाली पंचायतों में लागू हुआ पायलेट प्रोजेक्ट

Eight Gram Panchayats will be working on solid and liquid waste manage

Eight Gram Panchayats will be working on solid and liquid waste manage

कटनी. खुले शौच से शौच मुक्त (ओडीएफ) जिले की आठ ग्राम पंचायतों में कुछ दिन बाद गंदगी नहीं दिखेगी। मॉडल गांवों की तर्ज पर यहां भी साफ-सफाई और कचरा निस्पादन होगा। सुनियोजित कचरा निस्तारण के लिए अब उक्त ग्राम पंचायतों में रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके लिए तय किये गए पायलेट प्रोजेक्ट को स्वीकृति मिल गई है। योजना के तहत ठोस एवं तरल कचरा प्रबंधन पर काम किया जाएगा। उक्त ग्राम पंचायतों को स्वच्छ एवं सुंदर बनाने के लिए लिय यह खास योजना बनी है। जिले की 5 हजार से अधिक एवं एक लाख रुपये अधिक स्वकर वाली आठ ग्राम पंचायत बड़वारा, उमरियापान, बहोरीबंद, तेवरी, स्लीमनाबाद, बडग़ांव, बिलहरी, कन्हवारा में खाद बनाकर पंचायतें आमदनी बढ़ाएंगी और इससे ग्राम पंचायत में अन्य विकास के द्वार खुलेंगे। नाडेप टाका, वर्मी कम्पोस्ट बनेंगे, जिसमें खाद बनाने का काम होगा। इन पंचायतों को बैंक से लोन मुहैया कराया जाएगा, जिससे मशीनों की खरीददारी, उपकरणों की खरीददारी सहित अन्य आवश्यक वस्तुओं को जुटाएंगी। इस पायलेट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद अन्य ग्राम पंचायतों में पहल शुरू होगी।

ऐसे होगा कचरा प्रबंधन
इस योजना के तहत गांव के ही लोगों को रोजगार देकर डोर-टू-डोर कूड़े का कलेक्शन कराया जाएगा। गांव के हर घर में लाल और हरे 2 डस्टबिन दिए जाएंगे। लाल डस्टबिन में ऐसे कूड़ा डाला जाएगा जिसे सामान्य तरीके से नष्ट नहीं किया जा सकता, जैसे पॉलीथिन आदि। कूड़े को एकत्र कर गांव के बाहर ग्राम पंचायत की भूमि में बने प्लांट तक लाया जाएगा। जिसमें मशीनों के माध्यम से इस कचरे को निस्तारित किया जाएगा। इसके अलावा वर्मी कम्पोस्ट पिटें व बायो गैस संयत्रों के माध्यम से ठोस कचरे का निपटान किया जाएगा। इसके साथ ही ग्राम पंचायतों में तरल कचरा प्रंबधन सयंत्र लगाने के लिए कार्य किया जाएगा। इतना ही नहीं तरल कचरा प्रबंधन के लिए सोख्ता गड्ढे पानी के निकासी की नालियां व बाथरूम एवं किचन के पानी के लिए नालियों के लिए पूरी व्यवस्था की जाएगी। गौरतलब है कि पंचायतों में स्वच्छता अभियान के तहत लिक्विड वेस्ट मैनेजमैंट के तहत इस योजना को अमलीजामा पहनाया जाएगा।

यह है तीन सालों में पंचायतों की आय
पंचायत जनसंख्या 2015-16 2016-17 2017-18
बड़वारा 5425 100000 1050000 200000
उमरियापान 10887 1498081 1887959 1840580
बहोरीबंद 6206 603000 688000 784500
तेवरी 5633 431647 427690 300890
स्लीमनाबाद 7142 250000 210000 230000
बडग़ांव 5345 408000 534000 543000
बिलहरी 7278 95000 104000 110000
कन्हवारा 6668 285000 116320 287738

इनका कहना है
ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर जिले की आठ ग्राम पंचायतों में पायलट प्रोजेक्ट पर काम शुरू किया जा रहा है। ओडीएफ के बाद गांव को स्वच्छ करने व विकास के लिए आमदनी में इजाफा करने यह पहल की जा रही है। एक लाख से अधिक स्वकर वाली पंचायतों में यह पहल हो रही है।
फ्रेंक नोबेल ए, जिला पंचायत सीइओ।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो