कटनी

अभी आठ माह तक और रेलवे को प्रतिदिन लगेगा दो करोड़ रुपये का फटका, कटनी से सतना तक इस काम के अटकने से हो रहा खर्चा

सतना से सगमा तक अधूरे काम ने भी बढ़ाई परेशानी, सीआरएस के निर्देश के बाद भी समय पर पूरा नहीं हो पाया ओएचइ वर्क

कटनीMay 21, 2019 / 11:18 am

balmeek pandey

Special train

कटनी. कटनी से सतना तक 24 घंटे के दौरान अप-डाउन मिलाकर दौडऩे वाली ट्रेनों में लगभग डेढ़ से दो करोड़ के डीजल की खपत हो रहा है। ऐसे में रेलवे द्वारा इटारसी से प्रयाग तक पूरी रेल लाइन को इलेक्ट्रिक करने का बड़ा काम हो रहा है। अधिकांश क्षेत्र में कार्य पूर्ण भी हो चुका है और इलेक्ट्रिक पॉवर से बकायदा ट्रेनें भी दौडऩे लगी हैं, लेकिन कटनी से सतना तक यह काम खटाई में पड़ गया है। रिटेंडर की प्रक्रिया होने के चलते काम प्रभावित है। बता दें कि मार्च में सीआरएस एके जैन ने मानिकपुर से सतना तक लाइन का निरीक्षण कर प्रगति का जायजा लिया था। जिसमें दो माह के अंदर कार्य पूर्ण कराए जाने निर्देश दिए थे, लेकिन अबतक काम पूरा नहीं हो पाया। हैरानी की बात तो यह है कि सतना से सात किलोमीटर पहले सतना से सगमा स्टेशन तक ओचइ का काम अधूरा होने के कारण मानिकपुर से यहां तक इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें नहीं दौड़ाई जा रहीं। अब फिर से रेल अधिकारी जून एंड तक काम पूरा हो जाने का राग अलाप रहे हैं। जबकि यदि मानिकपुर से सतना तक काम पूरा हो जाता तो फिर वहां सतना से कटनी तक अभी डीजल पॉवर से लाकर ट्रेनें दौडऩे प्लान था, लेकिन वह भी लगभग दो माह के लिए और इंतजार करना पड़ सकता है। वहीं कटनी से सतना तक इलेक्टिफिकेशन के लिए लगभग आठ माह तक और इंतजान करना पड़ सकता है। जिसमें रेलवे को करोड़ों का डीजल फूंकना पड़ेगा।

आचार संहिता का अडंगा
कटनी से सतना तक रेल लाइन का होने वाला इलेक्ट्रिफिकेशन का काम अटक गया है। रेल अधिकारियों के अनुसार कटनी से सतना तक चलने वाले इलेट्रिफिकेशन के कार्य में लापरवाही पर ठेकेदार को टर्मिनेट कर दिया गया था। इस मामले में फिर से रिटेंडर होने हैं। ऐसे में आचार संहिता के कारण पिछले कई दिनों से काम प्रभावित है। ऐसे में एक ओर जहां रेलवे इलेक्टिफिकेशन के कारण रेल यातायात में बड़ी उपलब्धि पाने की ओर है तो वहीं कटनी से सतना के बीच अधूरा काम समस्या का सबब बना हुआ है।

इनका कहना है
सगमा से सतना तक काम अधूरा है। कुछ कामों में सुधार के लिए सीआरएस ने निर्देश दिए थे। जून एंड तक काम पूरा हो जाएगा इसके बाद सतना तक इलेक्ट्रिक इंजन से ट्रेनें दौड़ सकेंगे। आचार संहिता खत्म होने के बाद कटनी से सतना तक ओएचइ लाइन के लिए रिटेंडर प्रक्रिया होगा। उसके बाद जब काम पूरा होगा तो कटनी-प्रयाग रेलखंड में इलेक्ट्रिक इंजन से सभी ट्रेनें चल सकेंगे।
प्रियंका दीक्षित, सीपीआरओ।

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