AK-47 के बनेंगे पार्ट्स
ओएफके इंजीनियरों ने बताया कि कोरोना काल और लॉकडाउन के कारण एके-47 व 5.56 कप के कंपोनेंट का उत्पादन लक्ष्य प्रभावित हो रहा था। एक मशीन से निर्धारित समय सीमा में उत्पादन कार्य पूरा करने में मुश्किल हो रही थी। अपर महाप्रबंधक एन. इक्का, ज्वाईंट जीएम एसके यादव और ज्वाईंट जीएम अरूण कुमार के मार्गदर्शन में सीएस, मैकेनिकल और इलेक्ट्रिक मैंटनेंस की कुशल तकनीकी टीम ने एक पुरानी आयतित विदेशी मशीन को सेमी मेकेनाईज्ड कर पुन: उत्पादन योग्य बनाने में सफलता पाई।
कबाड़ से बचा लिए 50 लाख रुपए
मशीन को चालू करने में आने वाली अनुमानित लागत में 50 लाख रूपए की बचत हुई हैं, जिसमे अधिकतर पार्ट्स विदेश से आयात करने होते हैं लेकिन इंजीनियर्स ने पार्ट्स को आयात करने की जगह खुद ही पार्ट्स बनाए और मशीन को चालू कर लिया। कबाड़ की मशीन को चालू कर 50 लाख रुपए की बचत करने वाली इंजीनियर्स की इस टीम में उमा दत्त गौतम, जेडब्यूएम, रेजीनाल्ड जेकब, नीरज गोटिया, वीरेंद्र वर्मा, विनय शर्मा, विनोद रजक, मनोज कुमार, सुरेश, हर्ष नारायण, मनीष सेन, राम प्रसाद, सुभाष शर्मा, सत्य नारायण लोहार, अंशुल तिवारी और रजनीश शर्मा शामिल हैं।
पुरानी मशीन से किया सफल रक्षा उत्पादन
ऑर्डिनेंस फैक्ट्री कटनी के महाप्रबंधक वीपी मुंघाटे ने बताया कि आयुध निर्माणी कटनी में आत्मनिर्भर भारत सप्ताह की शुरूआत करते हुए भारतीय आयुध निर्माणियां मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत के विजन को पूरा करने हेतु प्रतिबद्ध है। कटनी तैयार मशीन से आत्मनिर्भर भारत अभियान रक्षा उत्पादन उद्योग में तकनीक के नए प्रयोग अपनाने और दूसरों पर निर्भरता को कम करने में मददगार होगा इससे लागत कम होगी और देश की पूंजी भी बचेगी।