ऐसे सामने आया फजी नियुक्ति का मामला:
उप मुख्य सतर्कता अधिकारी पमरे मुख्यालय के पत्र क्रमांक डब्ल्यूसीआर/एचक्यू/पीसी/पी/वी2/20181200242 के माध्यम से 22 अप्रैल 2019 को फर्जी नियुक्ति होने का मामला उजागर हुआ। मंडल रेल प्रबंधक (कार्मिक) जबलपुर के पत्र क्रमांक पमरे/का जबल/01/वरि.मं.का. अधिकारी/गोप 30 अप्रैल 19 को पर्दाफाश हुआ। कर्मचारी के अंगूठे के निशान रेलवे भर्ती बोर्ड को उसके द्वारा प्रेषित आवेदन एवं चिकित्सा प्रमाणपत्र के लिए जारी मेडिकल मेमो में भिन्न पाए गए। जिसको प्रथम दृष्टया यह पाया गया कि उसने रेलवे के साथ छल व कूटरचना से रेलवे में नौकरी हासिल की है। मामला उजागर होने के बाद अफसर आरोपियों पर एफआइआर कराने की कार्रवाई में जुट गए हैं।
पांच माह से अनुपस्थित है कर्मचारी
फर्जी तरीके से भर्ती का मामला विद्युत सामान्य अनुरक्षण कार्यालय मुड़वारा स्टेशन के समीप भी सामने आया है। यहां पर 2011 में एक युवक की भी फर्जी तरीके से नियुक्ति हुई है जिसका खुलासा फिंगर प्रिंट जांच में हुआ है। मामला उजागर होने के बाद से पांच माह से कर्मचारी अनुपस्थित है।
इनका कहना है
अभी इस संबंध में जानकारी नहीं है। डीजल शेड सहित अन्य विभागों में यदि फर्जी नियुक्ति का मामले हैं तो नियमानुसार कार्रवाई कराई जाएगी।
प्रसंन्न कुमार, एरिया मैनेजर।