script113 बच्चों का बचपन में छूटा परिवार तो मदद को आगे आईं चार संस्थाएं | Family of 113 children left in childhood | Patrika News

113 बच्चों का बचपन में छूटा परिवार तो मदद को आगे आईं चार संस्थाएं

locationकटनीPublished: Oct 21, 2020 09:37:31 pm

चार संस्थाएं निभा रहीं पालन पोषण की जिम्मेंदारी.

Before the Deepavali festival, the children of child protection home Ashakaran prepared a greeting card, urn, decorative flowerpot and candle set, which was presented to the collector and conveyed the talent of the children.

बाल संरक्षण गृह आशाकिरण के बच्चों ने दीपावली त्यौहार से पहले हाथों से ग्रीटिंग कार्ड, कलश, सजावटी गमला और कैंडल सेट तैयार किया, जिसे कलेक्टर को भेंट कर बच्चों की प्रतिभा से अवगत कराया गया.

कटनी. बचपन में जिन बच्चों के सर से परिवार का साया अलग हो गया। अलग-अलग कारणों से जो बच्चे अपने परिवार से दूर हो गए। ऐसे 113 बच्चों को जीवन की मुख्य धारा में वापस लाने से लेकर शारीरिक और मानसिक विकास करने के लिए चार संस्थाएं सक्रिय भूमिका का निर्वहन कर रही हैं। जरूरतमंद बच्चों की देखभाल करने वाली चार संस्थाओं की कोशिश है कि बच्चों को अपनत्व भरा माहौल मिल सके।

बाल संरक्षण देख-रेख संस्थाओं में रह रहे बच्चों की शिक्षा-दीक्षा, दैनिक गतिविधियों एवं शारीरिक मानसिक विकास को लेकर कलेक्टर एसबी सिंह बताते हैं कि इन संस्थाओं को समय-समय पर जरूरी जानकारी दी जाती है। इन दिनों कोविड-19 के प्रभाव से बच्चों को सुरक्षित रखने कहा गया है। बाल संरक्षण गृहों में रह रहे बच्चों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, मनोरंजन, खेलकूद की गतिविधियों के साथ ही सुरक्षित माहौल में उन्हें मुख्य धारा में वापस लाने तथा उनके परिवार में वापस भेजने के लिये अनुकूल माहौल तैयार करने के सतत् प्रयास हो रहे हैं।

जिला कार्यक्रम अधिकारी नयन सिंह बताते हैं कि आशा किरण बाल गृह, आसरा बाल गृह, लिटिल स्टार फाउन्डेशन बालिका गृह, किलकारी शिशु गृह में 113 निवासरत बच्चों की देखरेख की जा रही है। सभी संस्थाओं में सैनीटाईजर, मास्क का प्रयोग कर नियमित रुप से सैनीटाईजेशन किया जा रहा है। संस्थाओं में किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश सख्त प्रतिबंधित किया गया है और विभागीय अधिकारियों द्वारा संस्थाओं का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। कोरोना काल में विद्यालय बंद होने के कारण ऑनलाईन क्लासेस के माध्यम से शिक्षा दी जा रही है।

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