script…ऐसे भी तो दूर की जा सकती है कंगाली | Farmer's Far Poverty With Flower Farming | Patrika News

…ऐसे भी तो दूर की जा सकती है कंगाली

locationकटनीPublished: Jan 11, 2019 10:46:20 pm

Submitted by:

balmeek pandey

फूलों की खेती से कृषक ने बढ़ाई आमदनी, बहोरीबंद क्षेत्र के ग्राम तमुरिया निवासी किसान के खेत में लहलहा रहे गेंदा के फूल

Farmer's Far Poverty With Flower Farming

Farmer’s Far Poverty With Flower Farming

कटनी. खेत करने का यदि किसान को तरीका आ जाये और उसे समसामायिक सलाह मिल जाये तो फिर वह सफल कृषक बनने की पथ पर अग्रसर हो जाता है। ऐसा ही कुछ कर दिखा रहा है बहोरीबंद क्षेत्र के ग्राम तमुरिया निवासी कृषक रूप सिंह आदिवासी। जिसने जैविक कृषि पाठशाला में फूलों की खेती करने का तरीका जाना और फिर उसे उपयोग में लाया। फूलों की खेती से किसान ने अपनी आमदनी को बढ़ा ली है, इससे उसकी कंगाली भी दूर हो रही है। कृषक रूप सिंह आदिवासी के पास तीन एकड़ कृषि भूमि है। उसने मेहनत-मजदूरी कर सिंचाई के साधन जुटाए हैं। जगह पथरीली होने के कारण उसे परंपरागत खेती में लगातार नुकसान हो रहा था। इसमें किसान ने सेझी, महुआ, आम, आंवला, नींबू, नीम, बांस, बहेरा, बेल, मुनगा, तेंदू, सीताफल, अमरूद, गूलर, करंज आदि लगाए हैं। इन सबके बाद भी कृषक के पास जीवकोपार्जन के लिए आमदनी विशेष नहीं हो रही थी। किसान ने इस समस्या के संबंध में जैविक कृष पाठशाला के जैविक कृषि एक्सपर्ट आरएस दुबे को बताया। इस पर दुबे ने जमीन का मौका मुआयना करते हुए किसान को फूलों की खेती करने की सलाह दी। इस पर किसान ने अपनाया और अब फूल आमदनी का बढिय़ा साधन बन गए हैं।

पत्ते बने खाद
ृकृषक के अनुसार खेत में लगे पेड़ों की पत्तियां जमीन पर गिरती हैं। आधे खेत में किसान कुदाल से खुदाई कर पत्तियों को भूमि पर मिलाकर पानी डालकर सड़ाते हैं। जिससे यह जैविक खाद बन जाती है। इसी खेत में किसान सब्जियों की खेती करता है। नुकसान एवं रासायनिक कीटनाशकों द्वारा कीड़ों की रोकथाम के लिए उपयोग करता था। दवाइयों के बार-बार उपयोग एवं खर्च अधिक होने से सब्जियों की खेती में घाटा लग रहा था। तकनीकी जानकारी के लिए कृषक ने जैविक कृषि पाठशाला नैगवां में प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन प्राप्त किया। इस दौरान कृषक को गेंदा के फूलों की खेती करने की सलाह दी गई। मई-जून माह में कृषक ने गेंदा के फूलों की नर्सरी तैयार की। इसके बाद फूलों की रोपाई कराई।

30 से 40 रुपये में बिक रहा फूल
कृषक अब फूलों की बढिय़ा पैदावार कर जबलपुर में बेंच रहा है। किसान ने बताया कि अगस्त माह में 30 से 40 रुपये प्रतिकिलोग्राम के मान फूल बिका, जून माह में 60 से 70 रुपये किलो की आमदनी हुई। दिसंबर से फरवरी तक 20 से 25 रुपए, मार्च से जून तक 60 से 70 रुपये किलोग्राम तक बिकता है। कृषक पिछले तीन वर्षों से फूलों की खेती कर रहा है। प्रथम वर्ष 25 हजार, द्वितीय वर्ष 50 से 60 हजार, रुपए की आमदनी प्राप्त की। वहीं इस वर्ष अबतक फूल बेंचकर 30 हजार रुपये का मुनाफा प्राप्त कर चुका है। किसान ने बताया कि फूलों को बंदर भी नुकसान नहीं पहुंचाते, मवेशी भी नहीं खराब करते। लगभग जीरो बजट में फूल की खेती कर मुनाफा कमा रहा है। किसान ने गेंदा के साथ अन्य गुलाब सहित अन्य फूलों की खेती में भी हाथ आजमाने लगा है।

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