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इस मुर्गी को नहीं मार पाएंगी बिल्ली झपट्टा…

locationकटनीPublished: Oct 06, 2018 11:59:51 am

Submitted by:

mukesh tiwari

मुर्गीपालन को बढ़ावा देने नई प्रजाति नर्मदा निधि के आधा दर्जन पालकोंं को दिए चूजे, कृषि विज्ञान केन्द्र ने शुरू की कवायद

Farmers are motivated to poultry

Farmers are motivated to poultry

कटनी. खेती के साथ ही मुर्गीपालन को बढ़ावा देने कृषि विज्ञान केन्द्र के माध्यम से जिले में नई प्रजातियों को पालकों तक पहुंचाया जा रहा है। कृषकों की सबसे बड़ी समस्या यह है कि मुर्गी पालन के दौरान चूजों को बिल्ली, चील आदि के झपट्टे से बचाना मुश्किल होता है और उससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। इससे बचाव के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र ने जबलपुर से खास प्रजाति के चूजे मंगवाए हैं, जिनका नाम नर्मदा निधि है। नर्मदा निधि के माध्यम से कृषक जहां अंडे आदि बेचकर लाभ कमा सकेंगे तो उनको बिल्ली, चील के झपट्टों से भी निजात मिलेगी। नर्मदा निधि की खासियत यह है कि उसके चूजे भागने में परांगत होते हैं। जिसके चलते बिल्ली, चील, श्वान आदि उन्हें आसानी से पकड़ नहीं सकते हैं। इसको लेकर नर्मदा निधि के चूजे प्रयोग के तौर पर जिले के आधा दर्जन किसानों व मुर्गीपालकों को दिए गए हैं। प्रजाति में रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अधिक है और सस्ती होने से पालकों को लाभ अधिक मिलेगा। इसको लेकर किसानों को मुर्गीपालन से जोडऩे का काम विभाग कर रहा है ताकि खेती के साथ ही साथ अतिरिक्त लाभ भी लोग कमा सकें।
अन्य कृषकों को कराए जाएंगे उपलब्ध
नर्मदा निधि की खासियत यह है कि भी कि सामान्य मुर्गी की अपेक्षा वह अंडे अधिक देती है। सामान्य मुर्गी से जहां 60 से 70 अंडे मिलते हैँ तो वहीं नर्मदा निधि से 100 से अधिक अंडे पालकों का मिल सकेंगे। इन्हीं अंडों को विज्ञान केन्द्र द्वारा दूसरे पालकों को भी उपलब्ध कराकर उनकी संख्या जिले में बढ़ाने का कार्य भी किया जाएगा।
इनका कहना है…
कृषि के साथ ही मुर्गीपालन को बढ़ावा देने के लिए नई प्रजाति नर्मदा निधि के चूजे कृषकों को दिए गए हैं। नई प्रजाति बिल्ली व चील आदि से बचाव में सक्षम है और इससे अच्छा लाभ भी पालकों को मिलेगा।
डॉ. एके तोमर, कृषि वैज्ञानिक, कृषि विज्ञान केन्द्र पिपरौध

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