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यहां किसान अपने खेतों में नहीं कर पाए गहरी जुताई…जानिए कारण

locationकटनीPublished: Aug 01, 2018 12:11:22 pm

Submitted by:

mukesh tiwari

हलधर योजना का किसानों को नहीं मिल पाया लाभ, खेतों की गहरी जुताई करने के लिए राज्य शासन ने लागू की थी योजना

Plow the fields

farmers will get benefit of crop insurance

कटनी. खेतों की उत्पादकता और जलग्रहण क्षमता बढ़ाने के लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को खेतों की गहरी जुताई करने के लिए हलधर योजना प्रारंभ की थी। जिसमें किसान 50 प्रतिशत अनुदान पर खेतों में गहरी जुताई करवा लेता था। अनुदान पर खरीफ की फसल में कीटनाशक दवाओं को अनुदान पर खरीद कर लाभ दिया जाता था। इस बार योजना के लिए विभाग को कोई लक्ष्य ही नहीं दिया गया, जिसके चलते किसानों को लाभ नहीं मिल पाया। बहोरीबंद ब्लॉक में राज्य स्तरीय हलधर योजना और अनुदान पर मिलने वाली कीटनाशक दवाओं की योजनाएं संचालित की गई थी। शासन की मंशा अनुसार इन दोनों योजनाओं के तहत इस बार किसानों को कोई लाभ नहीं दिया गया है। जिसको लेकर किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। मामले को लेकर किसानों ने कृषि किसान कल्याण एवं कृषि विकास विभाग में जानकारी ली गई लेकिन विभाग से भी सही जानकारी नहीं मिल सकी।
नहीं कराए गए दस्तावेज जमा
बंधी निवासी किसान अनुग्रह यादव, कल्हैया कला निवासी विजय यादव, पोड़ी निवासी श्याम यादव, छोटे लाल यादव, रामचरण यादव, भगतराम यादव ने बताया कि दो साल से हलधर योजना के तहत खेतों की जुताई के लिए विभाग में दस्तावेज जमा कराता रहा है। इस बार भी योजना से जुताई की उम्मीद थी लेकिन विभाग का कहना है कि उन्हें कोई लक्ष्य ही नहीं दिया गया। उन्होंने बताया कि गहरी जुताई करने से खरीफ फसल मेंं कीट, रोग व खरपतवार का प्रकोप नहीं होता था। किसानों का कहना है कि गहरी जुताई से खेत के अंदर पड़े खरपतवार के बीज के ऊपर आने से उनकी अंकुरण छमता नष्ट हो जाती है।
यह थी योजना.
विभाग द्वारा इस योजना के तहत किसानों को गहरी जुताई के लिए 50 प्रतिशत या अधिकतम 2 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर पर अनुदान दिया जाता था। योजना मेंं पात्रता के अनुसार अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति वर्ग के सभी कृषक अधिकतम 4 हेक्टेयर और सामान्य वर्ग के लघु सीमांत कृषक अधिकतम 2 हेक्टेयर तक खेती की गहरी जुताई करवा सकते थे।

इनका कहना है.
शासन द्वारा इस वर्ष हलधर योजना के तहत विभाग को कोई टॉरगेट नहीं दिया गया। खरीफ फसल कीटव्याधि से बचाने कीटनाशकों पर दिया जाने वाला अनुदान भी इस बार नहीं दिया गया है। शासन ये यदि निर्देश आते हैं तो आने वाले समय में योजनाओं का लाभ मिलेगा।
आरके चतुर्वेदी, वरिष्ठ कृषि विस्तार अधिकारी, बहोरीबंद

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