गजब का कमा रहे मुनाफा
किसान संजीव नैय्यर गुलाब, सागौन, यूके लिप्टस में मुनाफा कमाने के साथ अब भगवा अनार में किस्मत आजमा रहे हैं, जिसमें उन्हें अच्छा खासा मुनाफा हो रहा है। किसान भगवा अनार की खेती 20 एकड़ में किए हुए हैं। किसान के अनुसार एक हेक्टेयर में मात्र 4 लाख रुपए की लागत लगाई है। ड्रिप एरीगेशन पद्धति से पानी पहुंचा रहे हैं। एक हेक्टेयर में लगी लागत को काटकर किसान 12 लाख रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं। खास बात यह है कि किसान ने उद्यानिकी विभाग के प्रमुख वीरेंद्र सिंह सहित अन्य कर्मचारियों से समसामायिक सलाह के साथ उन्नत कृषि को अपना रहे हैं। इतना ही नहीं अनार की फसल ढाई साल में तैयार होने वाली लगाए थे, लेकिन अनार के लिए भनपुरा का मौसम अनकूल मिला और आलम यह है कि डेढ़ साल में ही बंपर पैदावार शुरू हो गई है।
ऐसे तैयार होती है अनार की फसल
एक बीघे खेती में अनार की फसल तैयार करने के लिए सबसे पहले 3 बाई 3 का आधार बनाया जाता है। एक बीघे में 170 पौधे लगाने का मानक है। पौध के नीचे पर्याप्त जगह होने के कारण वहां पर प्याज, लहसुन, गोभी आदि की फसल भी तैयार करते हैं। यानी किसानों को दोहरा लाभ प्राप्त होता है। कृषक ने बताया कि एक पेड़ में करीब दो से ढाई हजार फल लगते हैं। उद्यानिकी की फसल में गेहूं, धान सहित सब्जी की फसल से कई गुना अधिक मुनाफा है जो कि अन्य फसलों में संभव नहीं है।
24 वर्ष तक होती है कमाई
अनार की फसल लगाने से किसान की लंबे समय तक कमाई होती है। एक बार अनार के पौध तैयार होने के बाद 24 वर्ष तक अनार का उत्पादन होता है। जबकि अन्य फसलों के लिए प्रतिवर्ष उतनी ही मेहनत करनी पड़ती है। इसमें अन्य फसलों की तुलनात्मक निदाई-गुड़ाई का झंझट कम रहता है। सिंचाई के लिए पौध में जलभराव नहीं होना चाहिए।
बंजर जमीन में भी होती अनार की फसल
फसलों की अच्छी उपज के लिए मिट्टी सबसे महत्वपूर्ण होता है। उपजाऊ जमीन में ही अधिक फसल उगती है, लेकिन अनार की फसल किसी भी मिट्टी में तैयार की जा सकती है। बंजर जमीन में भी अनार की पैदावार करके किसान मलामाल हो सकते हैं।
कृषि की ललक और गुरू की प्रेरणा ने बना दिया कृषक
ृकृषक संजीव नैय्यर पेशे से बिल्डर हैं, जिनका कारोबार दिल्ली तक फैला हुआ है, लेकिन बचपन से कृषि की ललक और गुरू बद्री प्रपन्नाचार्य की प्रेरणा ने उन्हें कृषि के क्षेत्र में नित नए आयाम दे रही है। जगह-जगह पड़ी बंजर जमीन को देखकर उनके मान में यह भाव उठता था कि क्यों न कुछ ऐसा किया जाए जिससे जमीन उपयोगी हो सके और लोगों को काम मिल सके। इसके बाद उन्होंने जमीन खरीदना शुरू किया और उद्यानिकी में हाथ आजमाने लगे। इतना ही नहीं संजीव नैय्यर क्षेत्र के किसानों को भी समय समय पर उन्नत कृषि करने की सलाह भी देते हैं।