कटनी

सीधी के किसान पहुंचे कटनी पाठशाला, जाना जैविक खेती के फायदे

सीधी जिले के किसान नैगवां पहुंचे और जैविक कृषि को बड़े ही बारीकी से समझा। उसके फायदे जाने और उसे खेत में मूर्त रूप देने के लिए योजना बनाई। ग्राम सुधार समिति विकासखंड कुसमी जिला सीधी मप्र के कृषकों का दल प्रकाश कुमार दुबे के साथ जैविक कृषि पाठशाला नैगवां पहुंचा। जहां पाठशाला के संचालक रामसुख दुबे ने विभिन्न जैविक खादों एवं कीटनाशक बनाने, फसलों में उपयोग का तरीका बताया।

कटनीDec 07, 2019 / 12:57 pm

balmeek pandey

Farmers of Sidhi district learned organic farming

कटनी. रासायनिक खाद, कीटनाशक से लगातार मानव जीवन के स्वास्थ्य पर विपरीत असर पड़ रहा है। जमीनें भी धीरे-धीरे खराब हो रही हैं। इस मर्म को किसान भी समझ रहे हैं और जैविक कृषि की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं। बहोरीबंद विकाखंड क्षेत्र के ग्राम नैगवां में संचालित जैविक कृषि पाठशाला में दूर-दूर से किसान पहुंच रहे हैं और जैविक कृषि को जानकार उसे अपना रहे हैं। सीधी जिले के किसान नैगवां पहुंचे और जैविक कृषि को बड़े ही बारीकी से समझा। उसके फायदे जाने और उसे खेत में मूर्त रूप देने के लिए योजना बनाई। ग्राम सुधार समिति विकासखंड कुसमी जिला सीधी मप्र के कृषकों का दल प्रकाश कुमार दुबे के साथ जैविक कृषि पाठशाला नैगवां पहुंचा। जहां पाठशाला के संचालक रामसुख दुबे ने विभिन्न जैविक खादों एवं कीटनाशक बनाने, फसलों में उपयोग का तरीका बताया। कृषक श्यामनारायण पांडेय के जैविक कृषि फार्म एवं गौशाला का अवलोकन किया विभिन्न जैविक फसलों, सब्जियों, जैविक खाद निर्माण आदि को देखा।

 

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फायदे से प्रभावित हुए किसान
इस दौरान रामसुख दुबे ने किसानों को बताया कि जैविक खेती मानव स्वास्थ्य, मवेशियों और जमीन के लिए बड़ी कारगर तो है ही साथ ही जीरो बजट की खेती है। गाय के गोबर, मूत्र, कचरा, खरपतवार से ही खाद, कीटनाशक तैयार हो जाते हैं, जिसका न तो ुरुपये लगते और ना ही कोई नुकसान होता। पैदावार भी बेहतर होती है।

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