खास-खास
– क्लास १ और क्लास २ अधिकारी करेंगे किसानों को प्रेरित, आरइओ को १५ व वर्ग दो के अधिकारी को २-२ गांवों में करनी है पहल।
– 5 एकड़ से कम भूमि के किसानों को लक्ष्य मानकर एकीकृत कृषि प्रणाली को अपनाने किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
– 1 हेक्टेयर तक की जमीन वाले किसानों को पारम्परिक खेती के साथ सिंचाई के पोण्ड्स बनाने व उसमें मछलीपालन सहित गतिविधियों के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।
समन्वित कृषि के ये हैं घटक
– मिट्टी की जीवंतता को बनाए रखना।
– मिट्टी को उपजाऊ बनाना।
– तापमान का प्रबंधन।
– मिट्टी व वर्षाजल का संरक्षण।
– सौर ऊर्जा का उपयोग।
– कम्पोस्ट, वर्मी कम्पोस्ट खाद बनाना।
– जैव रूपों का संरक्षण करना।
– मवेशियों के साथ तालमेल।
जिले में समन्वित कृषि प्रणाली लागू हो रही है। अभी ब्लॉक के किसान चिन्हित किए गए हैं। समग्र और अभिनव दृष्टिकोण से किसानों, खासतौर पर छोटे काश्तकारों को अपने घर और बाजार के लिये कई तरह की वस्तुओं के उत्पादन का पर्याप्त अवसर तो प्राप्त होगा ही साथ ही कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ाने, परिवार के लिये सन्तुलित पौष्टिक आहार जुटाने, पूरे साल आमदनी व रोजगार का इन्तजाम करने तथा मौसम और बाजार सम्बन्धी जोखिम कम करने में भी मदद मिलेगी। इससे खेती में काम आने वाली वस्तुओं के लिए किसानों की बाजार पर निर्भरता भी कम होगी।
एके राठौर, उपसंचालक कृषि