इन किसानों ने कराया पंजीयन
उद्यानिकी विभाग में मधुमक्खी पालन के लिए दो दर्जन किसानों ने पंजीयन कराया है। इनमें पहाड़ी से रमेश सिंघल, कटंगी खुर्द से राकेश सिंघल, देवरी से सुबीर चतुर्वेदी, भनपुरा से संजीव अय्यर, हरदुआ से विक्रम सिंह, सिंघनपुर से शैलेज शर्मा, रमेश शुक्ला, खिरहनी से अमित अग्रवाल, इमलिया से झम्मटमल ठारवानी, कटनी से डीके मिश्रा, सिंघनपुरी से उद्धव साहू, माधवनगर से विमल बजाज, बहोरीबंद से पुरुषोत्तम सिंह ठाकुर, पड़वार से श्रीलाल हल्दकार, सिहुंडी से विजय गोखरू, मझगवां से भीमसिंह रघुवंशी, मझगवां से अठ्ठीलाल कुशवाहा, चरी से रामलाल पटेल ने पंजीयन कराया है। इन किसानों को १५० से अधिक बॉक्स मुहैया कराए जाएंगे।
ऐसी मिलेगा लाभ
उद्यान विभाग से संपर्क कर किसान मधुमक्खी पालन कर शहद बनाने का काम करेंगे। एक डब्बा से लगभग पचास किलो शहद उत्पन्न होता है और साठ प्रतिशत फायदा होता है। इस डब्बे के अन्दर सबसे पहले फ्रेम में लकड़ी का छत्ता लगा कर मधुमक्खियों को बैठाया जाता है। इस डब्बे में तीन प्रकार की मक्खियां डाली जाती हैं। रानी मक्खी मुख्य होती है। अगर रानी मक्खी निकल जाती है तो एक भी मक्खी डब्बे में नहीं रहती उस के पीछे सभी निकल जाती हैं। यह मक्खियां तीन किलोमीटर दूर तक फूलों का रस लेने के लिए जाती हंै। फूल के रस से ही शहद बनता है। अलग-अलग फूलों का रस लाकर बॉक्स के छत्ते में जमा होता है। नवम्बर से मार्च तक इनका सीजन होता है। एक बॉक्स में ५० से ५५ किलो शहद निकलेगा। जिसकी कीमत बाजार से १२ से १५ हजार रुपए मिलेगी।
इनका कहना है
किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। १८ किसानों ने आवेदन किया है। उनका परीक्षण किया जा रहा है। बॉक्स भी उपलब्ध कराने की कार्रवाई जारी है। शीघ्र ही योजना का लाभ किसानों को दिलाया जाएगा।
वीरेंद्र सिंह, जिला उद्यानिकी अधिकारी।