scriptकिसानों को कीड़ा दिलाएगा लाखों रुपए, आप भी कमा सकते हैं मुनाफा, जानिए कैसे | Farmers will earn profit from honeybee | Patrika News

किसानों को कीड़ा दिलाएगा लाखों रुपए, आप भी कमा सकते हैं मुनाफा, जानिए कैसे

locationकटनीPublished: Jan 18, 2018 12:10:07 pm

Submitted by:

balmeek pandey

उद्यानिकी विभाग ने तैयार किए किसान, शीघ्र शुरू होगा उत्पादन

Farmers will earn profit from

Farmers will earn profit from

कटनी. धान-गेहूं, दलहन की खेती के साथ-साथ अब जिले के किसानों की रुचि अन्य कृषि उत्पादों पर होने लगी है। कृषक उद्यानिकी के माध्यम से अपनी आय को बढ़ा रहे हैं। किसान सब्जी सहित पपीता, नींबू, आंवला, एप्पल बेर सहित अन्य उत्पादों पर ध्यान दे रहे हैं। अब किसानों का रुझान मधुमक्खी पालन की ओर भी बढ़ रहा है। हाल ही में उद्यानिकी विभाग में १८ किसानों ने मधुमक्खी पालन के लिए पंजीयन कराया है। शीघ्र ही विभाग द्वारा कृषकों के आवेदनों का वेरीफिकेशन कर किसानों को योजना से लाभान्वित किया जाएगा। किसानों को विभाग के माध्यम से हनी बॉक्स मुहैया कराए जाएंगे। इस योजना से किसान बगैर किसी विशेष लागत से मुनाफा कमाएंगे और उन्नत तकनीक की खेती को कारगर बनाएंगे। एक बॉक्स से किसान को १२ से १५ हजार रुपए का फायदा होगा।

इन किसानों ने कराया पंजीयन
उद्यानिकी विभाग में मधुमक्खी पालन के लिए दो दर्जन किसानों ने पंजीयन कराया है। इनमें पहाड़ी से रमेश सिंघल, कटंगी खुर्द से राकेश सिंघल, देवरी से सुबीर चतुर्वेदी, भनपुरा से संजीव अय्यर, हरदुआ से विक्रम सिंह, सिंघनपुर से शैलेज शर्मा, रमेश शुक्ला, खिरहनी से अमित अग्रवाल, इमलिया से झम्मटमल ठारवानी, कटनी से डीके मिश्रा, सिंघनपुरी से उद्धव साहू, माधवनगर से विमल बजाज, बहोरीबंद से पुरुषोत्तम सिंह ठाकुर, पड़वार से श्रीलाल हल्दकार, सिहुंडी से विजय गोखरू, मझगवां से भीमसिंह रघुवंशी, मझगवां से अठ्ठीलाल कुशवाहा, चरी से रामलाल पटेल ने पंजीयन कराया है। इन किसानों को १५० से अधिक बॉक्स मुहैया कराए जाएंगे।

ऐसी मिलेगा लाभ
उद्यान विभाग से संपर्क कर किसान मधुमक्खी पालन कर शहद बनाने का काम करेंगे। एक डब्बा से लगभग पचास किलो शहद उत्पन्न होता है और साठ प्रतिशत फायदा होता है। इस डब्बे के अन्दर सबसे पहले फ्रेम में लकड़ी का छत्ता लगा कर मधुमक्खियों को बैठाया जाता है। इस डब्बे में तीन प्रकार की मक्खियां डाली जाती हैं। रानी मक्खी मुख्य होती है। अगर रानी मक्खी निकल जाती है तो एक भी मक्खी डब्बे में नहीं रहती उस के पीछे सभी निकल जाती हैं। यह मक्खियां तीन किलोमीटर दूर तक फूलों का रस लेने के लिए जाती हंै। फूल के रस से ही शहद बनता है। अलग-अलग फूलों का रस लाकर बॉक्स के छत्ते में जमा होता है। नवम्बर से मार्च तक इनका सीजन होता है। एक बॉक्स में ५० से ५५ किलो शहद निकलेगा। जिसकी कीमत बाजार से १२ से १५ हजार रुपए मिलेगी।

इनका कहना है
किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए प्रेरित किया जा रहा है। १८ किसानों ने आवेदन किया है। उनका परीक्षण किया जा रहा है। बॉक्स भी उपलब्ध कराने की कार्रवाई जारी है। शीघ्र ही योजना का लाभ किसानों को दिलाया जाएगा।
वीरेंद्र सिंह, जिला उद्यानिकी अधिकारी।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो