यहां फॉस्ट टैग की मांग लेकर प्रतिदिन 50 से ज्यादा वाहन चालक पहुंच रहे हैं। टैग नहीं होने के कारण ये वाहन चालक खाली हाथ ही लौट रहे हैं। वाहन चालकों ने बताया कि कटनी के आसपास संचालित अन्य टोल नाकों में भी यही स्थिति है।
फॉस्ट टैग लगे वाहनों की राशि ऑटोमेटिक कट जाने के बाद टोल मालिक तक राशि पहुंचने में सर्वर की परेशानी सामने आ रही है। मझगवां टोल नाका में ही लगभग 45 हजार की राशि का हिसाब नहीं मिल रहा है। यह राशि वाहन चालक के खाते से कट गई, लेकिन बैंक तक राशि नहीं पहुंची। अब राशि बीच में अटकने के बाद करोड़ों रुपये खर्च कर चालू की जाने वाली व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं।
टोल नाके पर पहुंचने वाले कई वाहन चालकों ने बताया कि उन्हे फॉस्ट टैग वाहन में लगाने के बारे में तो बताया जा रहा है, लेकिन यह नहीं बताया जा रहा है कि इसे लेने के लिए कौन से दस्तावेज जरुरी है।
बतादें कि फॉस्ट टैग के लिए आधार कार्ड, बैंक खाता नंबर, वाहन पंजीयन दस्तावेज और फॉस्ट टैग बनवाने वाले का पहचान पत्र जरुरी है।
फॉस्ट टैग की आपूर्ति को लेकर एनएचएआइ के प्रोजेक्ट डायरेक्टर सोमेश बाझल ने बताया कि मझगवां टोल प्लाजा में शनिवार को टैग पहुंच रहा है। एजेंसी तय होने में थोड़ा विलंब लगा। संभव है एक दिसंबर की तारीख कुछ और आगे बढ़ जाए।