scriptफिर खुली मार्बल खदान खसरा नंबर 220 की फाइल | File of Khasra number 220 again opened again | Patrika News

फिर खुली मार्बल खदान खसरा नंबर 220 की फाइल

locationकटनीPublished: Sep 18, 2019 02:04:34 pm

सीइसी से जारी नोटिस के बाद मंगलवार को पूरे दिन खनिज विभाग के अधिकारी-कर्मचारी करते रहे मशक्कत.
– राजस्व, खनिज और वन विभाग के पीएस 26 सितंबर को सीइसी को देंगे रिपोर्ट

Officers busy in collecting information about measles number 220 in the Mineral Department office

खनिज विभाग दफ्तर में खसरा नंबर 220 की जानकारी जुटाने में व्यस्त अधिकारी

कटनी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित सेंट्रल इंपावर्ड कमेटी (सीइसी) से कटनी जिले के स्लीमनाबाद स्थित खसरा नंबर 220 में पूर्व में संचालित मार्बल खदान को लेकर जारी नोटिस के बाद जिले का खनिज महकमा एक फिर इस केस से संबंधित फाइल खंगालने में लग गया है।

मंगलवार को खसरा नंबर 220 में संचालित मार्बल खदान और न्यायालय में चल रहे केस से जुड़े दस्तावेज खंगाले गए। खनिज अधिकारी ने बताया कि सीइसी ने पीएस राजस्व, खनिज और वन से जवाब मांगा गया है। इसी सिलसिले में जरुरी जानकारी जुटाई जा रही है। पीएस को पूरे मामले से अवगत कराया जाएगा।

यह पूरा मामला 2005 से पहले खसरा नंबर 220 में अंकुर मिनरल्स, सरिता मार्बल और शारदा मार्बल को स्वीकृत खदान से जुड़ा है। 29.13 हेक्टेयर में चल रही तीन फर्मों की मार्बल खदान को लेकर 2005 में स्रुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई। याचिका पर जांच प्रारंभ हुई और सीइसी ने जवाब मांगा।

जांच चलती रही और इसी बीच आरोप लगा कि स्वीकृत क्षेत्र से बाहर मार्बल का अवैध खनन हो रहा है। तभी तत्कॉलीन कलेक्टर ने 2010 में खसरा नंबर 220 के आसपास चल रही 4 मार्बल खदानों को भी बंद करवा दिया। इधर जमीन की जांच और रकबा सीमांकन के लिए 2007 में ग्वालियर की राजस्व मंडल टीम पहुंची।

वनभूमि को गलत तरीके से राजस्व के लैंड बैंक में स्थानांतरित कर मार्बल खदान स्वीकृत करने और सीमा से बाहर खनन की जांच प्रारंभ हुई। इसी मामले में 2008 में कलेक्टर द्वारा गठित टीम ने जांच कर रिपोर्ट सौंपी।

इसके बाद 2011 में एक बार फिर राजस्व मंडल ग्वालियर की टीम ने जांच की। सीमांकन के बाद ग्वालियर की टीम ने खसरा नंबर 220 का रकबा 27 हेक्टेयर तो जीपीएस रीडिंग के आधार पर वन विभाग ने रकबा 25 हेक्टेयर बताया।

दोनों विभागों की रिपोर्ट के बाद पूरे मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय एस्पर्ट पैनल गठित करने का निर्णय लिया गया, लेकिन यह पैनल अब तक गठित नहीं हो सका। अब सीइसी द्वारा पूरे मामले में तीन विभाग के प्रमुख सचिव नोटिस जारी करने के बाद जल्द फैसले की संभावना बढ़ गई है।

प्रभारी खनिज अधिकारी संतोष सिंह के अनुसार स्लीमनाबाद के समीप खसरा नंबर 220 में संचालित मार्बल खदान को लेकर सीइसी द्वारा 26 सितंबर को जानकारी मांगी गई है। केस से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी जुटाई जा रही है।

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