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दूध में यह पदार्थ मिलाकर बेचना पड़ा भारी, एडीएम ने लगाया एक लाख 12 हजार रुपये का जुर्माना

locationकटनीPublished: Nov 03, 2020 08:54:41 am

Submitted by:

balmeek pandey

रुपयों के लालच में मनमानी कर रहे दूध विक्रेता न्याय-निर्णायक अधिकारी ने की कार्रवाई

दूध में यह पदार्थ मिलाकर बेचना पड़ा भारी, एडीएम ने लगाया एक लाख 12 हजार रुपये का जुर्माना

दूध में यह पदार्थ मिलाकर बेचना पड़ा भारी, एडीएम ने लगाया एक लाख 12 हजार रुपये का जुर्माना

कटनी. रुपयों के लालच में दूध विक्रेता व कारोबारी जमकर मनमानी कर रहे हैं। प्रतिबंध के बाद भी दूध में पानी मिलाकर बेच रहे हैं। इसका खुलासा खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा की गई छापेमारी व अपर कलेक्टर एवं न्याय-निर्णायक अधिकारी द्वारा की गई कार्रवाई से हो रहा है। सोमवार को न्याय-निर्णायक अधिकारी जगदीशचंद्र गोमे ने पांच मामलों में कार्रवाई करते हुए एक लाख 12 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। अपर कलेक्टर एवं न्याय-निर्णायक अधिकारी जगदीश चंद्र गोमे ने खाद्य सुरक्षा प्रशासन द्वारा पेश किए गए पांच प्रकरणों में निर्णय पारित करते हुए जुर्माना लगाया है। फूड इंस्पेक्टर डीके दुबे ने बताया कि शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के दौरान उक्त सभी खाद्य कारोबारियों के द्वारा अवमानक दूध का विक्रय किया जाना पाया गया था।
इनमें आशु डेयरी माधव नगर के मालिक राजा यादव पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया है। दूधर में अत्यधिक पानी मिला था, जिससे फैट कम आया था, दूध विक्रेता दिलीप यादव निवासी अमीरगंज पर 10 हजार रुपये का जुर्माना, हरे नारायण डेयरी कैरिन लाइन के मालिक संजय रोहरा पर 15 हजार रुपये, कर्मचारी संतोष यादव पर 2 हजार रुपये का भी जुर्माना लगाया गया है। खाद्य सुरक्षा विभाग की कार्रवाई के दौरान कर्मचारी ही पानी मिला दूध बेच रहा था। साईं डेयरी लक्ष्मीनारायण मंदिर के समीप के मालिक अजीत यादव निवासी इंद्राज्योति कॉलोनी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना, दूध विक्रेता डब्बू यादव निवासी कचहरी चौक के पास पर 10 हजार रुपये जुर्माना लगाया गया है।

त्यौहारों को देखते हुये खाद्य सुरक्षा का चलायें सघन अभियान – कलेक्टर
कलेक्टर शशिभूषण सिंह ने त्यौहारों के दृष्टिगत बाजार और खाद्य पदार्थों के विक्रय, संग्रहण में खाद्य सुरक्षा जांच संबंधी सघन अभियान चलाने के निर्देश दिये हैं। उन्होने कहा कि जांच अभियान की कार्यवाही केवल शहरों में ही सीमित नही रहे, बल्कि सम्पूर्ण जिले में नियमित रुप से जांच की कार्यवाही की जानी चाहिये। सोमवार को खाद्य सुरक्षा संबंधी जिलास्तरीय सलाहकार समिति की बैठक में कलेक्टर ने यह निर्देश दिये। इस मौके पर सीईओ जिला पंचायत एवं अपर कलेक्टर जगदीश चन्द्र गोमे, आयुक्त नगर निगम सतेन्द्र धाकरे, जिला आपूर्ति अधिकारी प्रमोद श्रीवास्तव, जिला संयोजक आदिम जाति सरिता नायक, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास नयन सिंह, जिला शिक्षा अधिकारी बीबी दुबे एवं खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेन्द्र दुबे उपस्थित थे। कलेक्टर सिंह ने कहा कि अमानक और अपमिश्रित खाद्य पदार्थों की जांच के लिये नियमित रुप से सघन जांच का अभियान चलाया जाये। ज्यादा से ज्यादा सैम्पल लेकर शीघ्र जांच रिपोर्ट प्राप्त करने और अमानक खाद्य की रिपोर्ट प्राप्त होने पर सक्षम प्राधिकारी के पास प्रकरण दर्ज कर प्रस्तुत करें। उन्होने कहा कि अपमिश्रण और अमानक खाद्य पदार्थों के विक्रय, उत्पादन और संग्रहण पर विधि अनुसार कठोर कार्यवाही अमल में लाई जाये।

फूड इंस्पेक्टर ने दी यह जानकारी
सहायक खाद्य सुरक्षा अधिकारी देवेन्द्र दुबे ने बताया कि खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 एवं नियम 2011 में दिये प्रावधानों का पालन नहीं करने पर जिले में खाद्य कारोबारियों पर 6 लाख 50 हजार रुपये का जुर्माना अधिरोपित कर 6 लाख 25 हजार रुपये की वसूली की गई है। पूर्व के प्रकरणों में 2 लाख 70 हजार रुपये का जुर्माना भी वसूला गया है। अपमिश्रण और अमानक खाद्य पदार्थों के उत्पादन, विक्रय पर कारोबारियों पर 3 रासुका के प्रकरण और 4 पुलिस में एफआईआर दर्ज की गई। चालू वर्ष में अब तक 475 खाद्य पदार्थों के नमूने लिये गये, जिनमें 384 की जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई है। जिनमें अमानक 124 और असुरक्षित 4 नमूने पाये गये हैं। पुराने प्रकरणों में 24 खाद्य बकायादारों से 3 लाख 34 हजार रुपये की आरआरसी वसूल की जानी है। खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 एवं 2011 के अनुसार शराब दुकानों एवं समस्त वेयर हाउस को भी अनुज्ञापन लिये जाने की अनिवार्यता है।

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