चला रहा था क्लीनिक
बीएमओ डॉ. राजेश केवट ने बताया कि युवक को क्वारंटाइन से घर ले जाना वाला युवक का चाचा अरुण मौर्य गांव में छोलाछाप डॉक्टर है। स्वास्थ्य और पुलिस की टीम ने छोलाछाप डॉक्टर के घर में जाकर देखा तो वह घर में क्लीनिक खोलकर बैठा था। जांच में उसके पास दवाईयों का जखीरा मिला। जिसमें निजी के अलावा सरकारी दवाइयां भी बड़ी मात्रा में मिली। बीएमओ डॉ राजेश केवटने छोलाछाप डॉक्टर से उसकी डिग्री मांगी और सरकारी दवाइयां कहा से मिली इसकी पूछताछ की, जिस पर छोलाछाप डिग्री नही दे पाया। उसने बताया कि मेरा इलाज चलता है जो दवाइयां मिलती हैं, उन्हीं को इक_ा किया है। जिसके बाद बीएमओ ने छोलाछाप डॉ. के खिलाफ एफआइआर दर्ज करवाई है। उमरियापान पुलिस छोलाछाप डॉक्टर अरुण मौर्य को गिरफ्तार करते हुए उसके खिलाफ 269,270 और धारा 188 के तहत प्रकरण दर्ज करते हुए मामले को जांच में लिया है।
उमरियापान की पांच क्लीनिकों में दबिश
गुरुवार देररात उमरियापान बीएमओ डॉ. राजेश केवट ने नायब तहसीलदार हरिसिंह धुर्वे, थाना प्रभारी गोविंद सुरैया सहित पुलिस बल के साथ अंधेली बाग, नई बस्ती, कुदवारी मोहल्ला और सिहोरा रोड में लॉकडॉउन के दौरान भी इलाज के लिए निजी क्लीनिक खोलकर बैठे 5 डॉक्टरों चांदसी दवाखाना डॉ. आरके राय, दांत का अस्पताल, प्रिया क्लीनिक डॉ. आरएन उरमलिया, न्यू चांदसी हॉस्पिटल डॉ. डीसी राय, सुलता क्लीनिक डॉ. रेड्डी में दबिश दी। सभी क्लीनिक संचालकों और झोलाछापों से उनकी डिग्री मांगी। क्लीनिक खोलने का कारण पूछा, जिस पर किसी भी झोलाछाप कुछ नहीं दिखा पाए। जिसके बाद पुलिस ने क्लीनिक चलाने वाले पांच झोलाछापों को हिरासत में लेकर थाने ले आई। डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई होने की जानकारी क्षेत्रीय नेताओं को लगी, वे थाने पहुंचे गए। राजनैतिक हस्तक्षेप के चलते बगैर कार्रवाई के ही पुलिस व स्वास्थ्य विभाग ने छोड़ दिया। बीएमओ ने बताया कि सभी से दस्तावेज मंगाए गए हैं, नहीं दिखाने पर कार्रवाई की जाएगी।