scriptनिजी अस्पतालों के आगे झुका प्रशासन, दिया एक माह का समय | fire safety, private hospital, administration, fire accident, katni ne | Patrika News

निजी अस्पतालों के आगे झुका प्रशासन, दिया एक माह का समय

locationकटनीPublished: Sep 22, 2022 06:11:37 pm

सीएम को बताई थी समस्या, कलेक्टर से मांगी थी मोहलत

fire safety, private hospital, administration, fire accident, katni news

fire safety, private hospital, administration, fire accident, katni news

कटनी। नियमों को ताकपर रखकर शहर में निजी अस्पतालों व नर्सिंग होम्स का संचालन हो रहा है। जबलपुर के लाइफ केयर अस्पताल में हुए भीषण अग्निकांड के बाद शहर के भी 29 निजी अस्पतालों की जांच प्रशासन द्वारा कराई जा रही थी। इस मामले में स्वास्थ्य विभाग ने खामी पाए जाने पर कलेक्टर के निर्देश के अनुसार 10 अस्पताल में मरीजों को भर्ती कर उपचार किए जाने पर रोक लगा दी गई थी। इस कार्रवाई से हड़कंप की स्थिति निर्मित हो गई थी। निजी नर्सिंग होम संचालक व डॉक्टरों की एक टीम ने विगत दिवस मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मिलकर समस्या बताई थी।
मंगलवार को कलेक्ट्रेट में शहर विधायक संदीप जायसवाल की उपस्थिति में कलेक्टर प्रियंक मिश्रा ने निजी अस्पतालों के डॉक्टरों की बैठक ली। इस दौरान डॉक्टरों ने अपनी समस्या रखी और कहा कि 100 बिंदुओं की चेकलिस्ट के अनुसार हो रही जांच में 90 फीसदी अस्पताल बंद हो जाएंगे। संचालकों ने बात रखी कि उनसे फायर ऑडिट रिपोर्ट, इलेक्ट्रिकल ऑडिट रिपोर्ट ले ली जाए और मोहलत दी जाए। इस मामले में प्रशासन नियमों को ताक में रखकर चलने वाली अस्पतालों में कार्रवाई करने की बजाय झुक गया है। निजी अस्पताल संचालकों को एक माह की मोहलत दे दी है।

तीन ने बंद कर दिया है अस्पताल
शहर में 31 निजी अस्पतालों की जांच चल रही थी। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इसमें बस स्टैंड में संचालित विजय मेमोरियल, अधारकाप में सूरज हॉस्पिटल और दुगाड़ी नाला के समीप संचालित होने वाला लक्ष्मी अस्पताल ने नोटिस के बाद अस्पताल ही बंद कर दिया है। 28 अस्पतालों में मानकों की जांच हुई है। अधिकांश में नियमों का पालन नहीं हो रहा है, सिर्फ पांच अस्पतालों ने ही एनओसी ली है।

निजी अस्पताल संचालकों को नियमों का पालन करने के लिए एक माह की मोहलत दी गई है। निजी अस्पताल संचालक इसके लिए फायर और इलेक्ट्रिकल ऑडिट रिपोर्ट देंगे। नियमों का पालन न होने पर फिर कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. प्रदीप मुडिय़ा, सीएमएचओ

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो