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एक साल पहले बना कानून लागू, लेकिन शराब दुकानों में नहीं अमल, ये हो सकता है नुकसान

locationकटनीPublished: Apr 22, 2019 11:33:58 am

Submitted by:

balmeek pandey

खाद्य सुरक्षा प्रशासन विभाग से नहीं लिया गया लाइसेंस, चुनाव बाद होगी जांच कार्रवाई

Food safety rules not implemented in liquor shop

Food safety rules not implemented in liquor shop

कटनी. एक साल पहले बना कानून एक अप्रैल से लागू भी हो गया, लेकिन उस पर अमल नहीं हुआ। हालात यह है कि शराब के ठेके होने के बाद खाद्य विभाग ने शराब ठेकेदारों को खाद्य लाइसेंस लेना अनिवार्य करने का आदेश जारी किया, लेकिन संबंधित आबकारी विभाग को ही इसकी भनक तक नहीं हैं। इस कारण जिले की सभी देशी-विदेशी शराब दुकानें बिना लाइसेंस लिए चल रही हैं। अब खाद्य विभाग कह रहा है कि चुनाव बाद सभी दुकानों का निरीक्षण किया जाएगा और जो भी बिना लाइसेंस के पाई गई, उन पर कार्रवाई की जाएगी। नियमानुसार बिना लाइसेंस पाए जाने पर दुकान संचालक को छह माह के कारावास और पांच लाख रुपए जुर्माने की सजा का प्रावधान हैं। भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने एक अपै्रल 2019 से शराब की बिक्री के लिए भी खाद्य लाइसेंस को अनिवार्य कर दिया है। प्रदेश में भी यह लागू हो चुका है। खाद्य विभाग ने जिला शाखा को हाल ही में इस पर अमल के लिए पत्र लिखा है। यह पत्र 12 अप्रैल को मिला है। लेकिन अभी तक जिले की सभी शराब दुकान संचालकों में से किसी ने भी खाद्य लाइसेंस नहीं लिया है।

पहले भी हुई थी पहल
शराब दुकानदार खाद्य लाइसेंस नहीं बनवा रहे हैं। इसी वजह से ठेके में खाद्य लाइसेंस अनिवार्य किया गया है। खाद्य सुरक्षा विभाग ने पिछले साल खाद्य लाइसेंस बनवाने की पहल तो की थी, लेकिन कार्रवाई से परहेज की वजह से संचालक रूचि नहीं ले रहे हैं। दरअसल, देश भर में मिलावटी शराब पीने से हर साल कई लोगों की मौत होती है। खाद्य विभाग अब समय-समय पर इसकी जांच कर सकेगा कि कहीं कोई मिलावट या अमानक चीज तो नहीं मिलाई जा रही, जिससे नुकसान हो। तय मानक का पालन हो रहा है या नहीं।

प्रमुख सचिव को लिखा पत्र
इस संबंध में प्रमुख सचिव वाणिज्यक कर को पत्र लिखा है। जिसमें नियम के बारे में बताते हुए इसे आगामी वित्तीय वर्ष 2019-20 में देशी-विदेशी मदिरा प्रतिष्ठानों का आवंटन करते समय अपनाई जाने वाली टेंडर प्रक्रिया में खाद्य लाइसेंस लिया जाना अनिवार्य करने का कहा है। खत में बताया गया है कि खाद्य संरक्षा और मानक अल्कोहलिक पेय मानक विनियम 2018 अंतर्गत अल्कोहलिक पेय पदार्थों के मानक निर्धारित किए गए हैं, जिनका प्रकाशन भारत के राजपत्र (असाधारण) 21 मार्च 2018 में किया गया है। यह विनियम 1 अपै्रल 2019 से संपूर्ण भारत में प्रभावी होंगे। अधिनियम के अनुसार किसी भी खाद्य पदार्थ के निर्माण, वितरण, संग्रहण, परिवहन, आयात और विक्रय हेतु खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 विनियम 2011 के अंतर्गत जारी किया जाने वाला खाद्य लाइसेंस अनिवार्य है, खाद्य पदार्थोंं की श्रेणी में सभी प्रकार के अल्कोहलिक पेय पदार्थ भी सम्मिलित है।

इनका कहना है
बिना फूड लाइसेंस के अब शराब का कारोबार नहीं हो सकेगा। जो दुकानें संचालित हो रही है, उनका निरीक्षण करेंगे। लाइसेंस नहीं मिलने पर प्रकरण तैयार किया जाएगा। न्याय निराकरण अधिकारी के माध्यम से कार्रवाई होगी।
डीके दुबे, फूड इस्पेक्टर।

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