राज्य सरकार के एक निर्णय से परेशान वन विभाग के अफसर
18 कैंप आयोजित करने के बाद अचानक बंद हो गई योजना, अब राशि के इंतजाम के लिए कर रहे मशक्कत

कटनी. वन विभाग के डीएफओ कार्यालय में दीनदयाल सेवा योजना बंद होने संबंधी पत्र शनिवार को पहुंचा। इससे एक दिन पहले ही 28 दिसंबर को जिलेभर के सभी 6 रेंज में 6 स्थानों पर दीनदयाल सेवा योजना में चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया था। वन विभाग द्वारा इस योजना में जिलेभर में 18 कैंप लगाए जा चुके हैं। इन कैंपों में वनांचल में रहने वाले महिलाओं को चिकित्सकीय सुविधा उपलब्ध करवाने का दावा किया जा रहा है। अब अचानक योजना के बंद होने के बाद स्थानीय वन महकमा पशोपेश में हैं कि शिविर में खर्च राशि कैसे निकाला जाए। इसके लिए राज्य सरकार से मार्गदर्शन मांगने की तैयारी चल रही है।
दीनदयाल सेवा योजना में 16 दिसंबर को कारोपानी, लुरमी, कैलवारा, करेहा, बाकल, बिलहरी में शिविर लगा। द्वितीय चरण में 20 दिसंबर को कटरिया, सुतरी, खरखरी, सुरमा, बचैया व रक्सेहा और 28 दिसंबर को सैलारपुर, कारीबराह, ठकरा, दरौड़ी, मवई/देवरी और बकलेहटा में शिविर लगा।
दीन दयाल सेवा योजना में जिलेभर में आयोजित 18 कैंप में लगभग सवा सौ मरीजों को लाभ दिलाने का दावा वन विभाग के अधिकारियों ने किया है। शिविरों में खर्च राशि के बारे में जानकारी एकत्रित करने की बात कही जा रही है।
इस संबंध में डीएफओ संध्या ने बताया कि दीनदयाल सेवा योजना बंद किए जाने संबंधी पत्र 29 दिसंबर को मिला है। योजना में अब तक 18 कैंप आयोजित किए गए हैं। इसमें खर्च राशि के मार्गदर्शन पत्र लिखेंगे।
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