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पहले भाजपा और अब कांग्रेस की सरकार में अटका ये छोटा सा प्रोजेक्ट, सामने आई बड़ी बेपरवाही

locationकटनीPublished: Mar 09, 2019 12:06:07 pm

Submitted by:

balmeek pandey

नगर निगम से छीनकर खेल विभाग के कराया गया आधीन, दो साल बाद भी नहीं शुरू हुआ काम, तीन माह पुरानी सरकार तो एक माह से नई सरकार के मंत्रालय में घूम रही फाइल

Former MLA Chaudhary Chandrabhan Singh said

Former MLA Chaudhary Chandrabhan Singh said

कटनी. विकास के नाम पर नगर निगम से शहर के एकमात्र फारेस्टर प्लेग्राउंड को छीन लिया गया। इस मैदान को खेल विभाग के आधीन करा दिया गया। हैरानी की बात तो यह है कि लगभग दो साल बाद भी खेल मैदान में विकास के नाम पर नींव नहीं रखी जा सकी। विलंब होने की मुख्य वजह खेल विभाग का अव्यवस्थित प्रस्ताव रहा है। विभाग ने एक की बजाय दो बार प्रस्ताव भेजा और यह काम अटक कर रहा गया है। आचार संहिता के फेर में खिलाडिय़ों का खेल प्रभावित हो रहा है। मैदान के उबड़-खाबड़ होने के कारण खिलाडिय़ों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, जिसे लेकर न तो विभाग, पुलिस, प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधियों को सरोकार है। अब एक माह से फाइल नई सरकार के मंत्रालय में चक्कर काट रही है। जानकारी के अनुसार 2017-18 में फारेस्टर खेल मैदान खेल एवं युवा कल्याण विभाग के पास चला गया। इस दौरान मैदान में खिलाडिय़ों के लिए सुविधाओं के विस्तार के आधार पर प्रस्ताव बनाया गया। दो करोड़ रुपये की लागत का खेल विभाग ने प्रस्ताव तैयार कराया। प्रस्ताव तत्कालीन भाजपा सरकार के खेल मंत्रालय को भेजा गया। लेकिन इसके बाद फिर से खेल विभाग ने नया प्रस्ताव तैयार कराया। इसमें पीआइयू के निरीक्षण के बाद कॉस्ट बढ़ गई। मैदान का पूरा नक्शा बदल दिया गया। प्रस्ताव के तैयार होने में समय लग गया। यह प्रस्ताव 9 सितंबर को फिर तत्कालीन भाजपा सरकार के मंत्रालय में गया, लेकिन स्वीकृति नहीं मिली। इसके बाद आचार संहिता लग गई और फारेस्टर खेल मैदान का मामला खटाई में पड़ गया। अब फिर आचार संहिता का खतरा मंडरा रहा है।

21 फरवरी से पीएस के पास फाइल
कांग्रेस सरकार के गठन के बाद फिर से खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रस्ताव भेजा गया है। बताया जा रहा है कि 21 फरवरी को पीएस को फाइल भेजी गई है, लेकिन अभी तक स्वीकृति संबंधी कोई पत्राचार नहीं हुआ। मैदान पूरी तरह से खराब है। मयकशी के साथ कांच के टुकड़े, प्रसाधनों और पेयजल का न होना खिलाडिय़ों लिए सबसे कष्टदायक है। स्थिति यह है कि धीरे-धीरे खिलाडिय़ों का मोह भंग होने लगा है।

यह होना है मैदान का स्वरूप
नए प्रस्ताव के आधार पर मैदान में 300 खिलाडिय़ों के रुकने के लिए हॉल, प्रसाधन, हॉकी ग्राउंड के बीच में घांस, दो बैडमिंटन कोट के हॉल का निर्माण होना है। इसी प्रकार बाहर वाले मैदान में 400 मीटर का ट्रैक, फुटबॉल और क्रिकेट के लिए आवश्यकतानुसार मैदान, बाउंड्रीवॉल, पार्किंग का इंतजाम सहित अन्य सुविधाओं का विस्तार होना है।

इनका कहना है
सितंबर माह में फारेस्टर प्लेग्राउंड के विकास के लिए 2 करोड़ का प्रस्ताव गया था। इसे बाद में बदल दिया गया था। 3 करोड़ 52 लाख का प्रस्ताव विभाग के पास गया था। आचार संहिता के कारण स्वीकृति नहीं मिली। 21 फरवरी को पीएस के पास फाइल गई है। स्वीकृति के बाद पीइयू मैदान में काम शुरू करेगी।
विजय भार, जिला खेल एवं युवा कल्याण अधिकारी।

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